मानसून की रफ्तार सुस्त पड़ने से किसानों की मुश्किलें बढ़ी
Amroha News - मानसून की सुस्ती से किसानों को नुकसान हो रहा है। धान और गन्ना उत्पादकों को सिंचाई के लिए महंगा डीजल खर्च करना पड़ रहा है। बारिश न होने के कारण धान की रोपाई प्रभावित हो रही है। कृषि निदेशक का कहना है...

मानसून की रफ्तार सुस्त होने का खामियाजा सीधे किसानों को भुगतना पड़ रहा है। मानसून की बेरुखी से धान और गन्ना उत्पादकों के सामने सिंचाई का संकट खड़ा हो गया है। महंगा डीजल से पंपिंग सेट से सिंचाई पर भारी खर्च आ रहा है, बिजली कटौती के कारण भी सिंचाई में बाधा पड़ रही है। बारिश न होने के कारण धान व गन्ना का उत्पादन घटेगा। किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। जिले में 26 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल पर धान की रोपाई की जाएगी। जिले में धान की रोपाई का कार्य शुरू हो चुका है। लेकिन बारिश नहीं होने के कारण धान की रोपाई का कार्य अधर में लटक गया है।
एक लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल पर गन्ने की खेती की जा रही है। जून माह में अभी तक अच्छी बारिश नहीं हुई है। औसत से कम बारिश हुई है। बावजूद इसके किसानों ने कड़ी मेहनत के बल पर गन्ने की फसल को तैयार किया है लेकिन मानसून की बेरुखी ने किसानों को परेशानी बढ़ा दी है। किसानों को महंगा डीजल खर्च कर फसलों की सिंचाई करनी पड़ रही है। इससे किसानों पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है। आसमान में उड़ रहे बादल किसानों को रिझाकर लौट रहे हैं लेकिन दूर तक बारिश के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। उप कृषि निदेशक राम प्रवेश का कहना है यदि इन दिनों में बारिश नहीं होती है तो धान व गन्ना उत्पादन पर असर पड़ेगा। हालांकि आसमान में उमड़ रहे बादल बारिश का संकेत दे रहे हैं। 2 दिन बाद मौसम में फिर बदलाव आएगा ठहरा हुआ मानसून सक्रिय होगा।
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