बैटरी खराब निकलने पर हरियाणा की कंपनी व विक्रेता पर दस हजार रुपये का जुर्माना
Amroha News - किसान शहबाज अख्तर ने दो बैटरी 34 हजार रुपये में खरीदी, लेकिन कुछ दिनों बाद दोनों बैटरी खराब हो गईं। विक्रेता और कंपनी ने वारंटी के बावजूद मदद नहीं की। उपभोक्ता फोरम ने सेवा में कमी का दोषी पाया और...

खरीदने के कुछ दिन बाद ही कंपनी की बैटरी खराब हो गईं। वारंटी के बावजूद विक्रेता ने बैटरी नहीं बदली। शिकायत पर कंपनी ने भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। याचिका पर अंतिम निर्णय लेते हुए उपभोक्ता फोरम ने बैटरी कंपनी व विक्रेता को सेवा में कमी का दोषी पाया। किसान की दोनों बैटरी बदलने या मूल रकम छह प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया। इतना ही नहीं विक्रेता पर मानसिक व आर्थिक क्षति तथा वाद व्यय के रूप में 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। डिडौली कोतवाली क्षेत्र के गांव सहसपुर अलीनगर में किसान शहबाज अख्तर का परिवार रहता है।
22 मई 2018 को उन्होंने हरियाणा में संचालित एक कंपनी की दो बैटरी 34 हजार रुपये में खरीदी थीं। जिसका वारंटी कार्ड भी उन्हें दिया गया था। जोया के बैटरी विक्रेता ने पांच साल की वारंटी दी थी। लेकिन दोनों बैटरी इस्तेमाल करने के कुछ दिन बाद ही खराब हो गईं। किसान ने इसकी शिकायत विक्रेता से लेकर कंपनी स्तर तक की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। लिहाजा, उन्होंने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग की शरण ली। मामले को गंभीरता से लेकर उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष और महिला सदस्य ने बैटरी कंपनी व विक्रेता को तलब कर लिया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद उपभोक्ता फोरम ने बैटरी कंपनी और विक्रेता को किसान की समस्या का समाधान न करके सेवा में कमी का दोषी पाया। इसे उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन माना। फोरम ने बैटरी कंपनी व विक्रेता पर बैटरी बदलकर देने या उसकी मूल राशि 34 हजार रुपये छह प्रतिशत ब्याज की दर से किसान को देने का फैसला सुनाया। साथ ही मानसिक व आर्थिक क्षति तथा वाद व्यय के रूप में 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया, यह धनराशि भी छह प्रतिशत ब्याज के साथ अदा करनी होगी।
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