यूपी के इस जिले में है यह शिवालय जहां धरती के गर्भ से निकला था शिवलिंग
अकबरपुर तहसील के बेवाना ग्राम पंचायत के मुसइतपुर मजरे में स्थित स्वयंभू झारखंडेश्वर महादेव का इतिहास बहुत पुराना है। सदियों से यहां पूजन अर्चन होता आ रहा है

उत्तर प्रदेश के अम्बेडकरनगर जिले के अकबरपुर तहसील के बेवाना ग्राम पंचायत के मुसइतपुर मजरे में स्थित स्वयंभू झारखंडेश्वर महादेव का इतिहास बहुत पुराना है। कई सदी से यह पूजन अर्चन होता आ रहा है। मान्यता है कि जो भी इस मंदिर आता है और कामना से पूजा करता है, भगवान महादेव निश्चित उसकी मनोकामना पूरी करते हैं। गांव के बड़े बुजुर्गों के अनुसार कि जब कभी बारिश नहीं होती थी। सूखा पड़ जाता था, तब लोग एकत्रित होकर कई कुएं का जल संग्रह करते थे। उस जल से अभिषेक करते थे, तो 24 घंटे के भीतर बारिश हो जाती थी। इन्हीं मान्यताओं के कारण क्षेत्र के साथ गैर जनपद और प्रांत के लोग भी आकर स्वयंभू झारखंडेश्वर महादेव मंदिर में पूजा और अभिषेक करते आ रहे हैं।
बहुत पुराना है मंदिर का इतिहास
ग्रामीणों के अनुसार आज के स्वयंभू झारखंडेश्वर महादेव के स्थान पर कभी भव्य मन्दिर था। कालांतर में एक आक्रांता ने भगवान शिव के उस मन्दिर को तोड़ दिया था। मन्दिर को समाप्त करने का प्रयास किया था, लेकिन आक्रांता महादेव के शिवलिंग के साथ छेड़छाड़ नहीं कर पाए थे। वर्षों बाद सरयू नदी के पार दक्षिण दिशा से आए सरयू पारीण शांडिल्य गोत्र के ब्राह्मण मुसइतपुर में बस गए। जब गांव में बसे लोगों ने मन्दिर तथा शिवलिंग का स्वरूप देखा तो महादेव का पूजन अर्चन करने लगे। कई दशक तक खुले में पड़े शिवलिंग का पूजा होती रही। अब मन्दिर में अन्य देवताओं की प्रतिमा स्थापित हो गई हैं।
अब भव्य हुआ मंदिर, हर दिन होता है श्रृंगार
वर्तमान में मन्दिर का रूप और स्वरूप बदल गया। प्राचीन स्वयंभू महादेव मंदिर का कायाकल्प हो गया है। मंदिर परिसर की चारदीवारी बन गई है। कलश और गर्भगृह युक्त मंदिर बन गया है। शिवलिंग का प्रतिदिन श्रृंगार होता है। पूजन और श्रृंगार आचार्य पंडित उत्कर्ष तिवारी सचिन के देखरेख में होता है। आचार्य के निर्देशन में वैदिक ब्राह्मणों की ओर से जन कल्याण के लिए बराबर धार्मिक अनुष्ठान होता रहता है।
श्रद्धालुओं के लिए बन रही धर्मशाला
मौके पर स्वयंभू झारखंडेश्वर महादेव का नए सिरे से जीर्णोद्धार का कार्य चल रहा है। मन्दिर का शिखर तथा प्रांगण में यज्ञशाला का निर्माण हो रहा है। बाहर से आने वाले भक्तों के प्रवास के मंदिर के संरक्षक पंडित सदाशिव तिवारी और संरक्षिका गायत्री तिवारी के निर्देशन में धर्मशाला का निर्माण हो रहा है। ताकि हर माह की शिवरात्रि, महाशिवरात्रि और पूरे सावन माह में आने वाले शिव भक्तों को और बेहतर सुविधा मिल सके।
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