हृदय से निकलती हैं बेकल उत्साही की रचनाएं: कुमैल
Ambedkar-nagar News - अम्बेडकरनगर में प्रगतिशील लेखक संघ द्वारा अवधी और उर्दू के प्रसिद्ध शायर बेकल उत्साही के 97वें जन्मदिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उनके गीतों और गजलों को याद किया गया। शिक्षकों और शायरों ने बेकल...

अम्बेडकरनगर, संवाददाता। प्रगतिशील लेखक संघ के तत्वावधान में अवधी व उर्दू के शायर बेकल उत्साही के 97वें जन्मदिवस पर हंसवर स्थित चौक में राशिद अनवर के संरक्षण तथा सितारे उर्दू अवार्ड से सम्मानित मोहम्मद शफी नेशनल इंटर कॉलेज हंसवर के शिक्षक मोहम्मद असलम खान के संचालन में आयोजित हुआ। हकीम असलम की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में उनके शायर व गीत गजलों को याद किया गया। कुमैल सिद्दीकी ने कहा कि बेकल हिंदी के उन गिने चुने काव्य-शिल्पियों में हैं, जिनकी रचनाएं हृदय से निकलती हैं और हृदय में घर कर जाती हैं। शिक्षक मोहम्मद असलम खान ने कहा कि बेकल उत्साही का दिल अवध का है और अवधी उसकी धड़कन है।
हिंदी उनके लिए बहार है तो उर्दू बसंत है। राशिद अनवर ने कहा कि बेकल उत्साही ने अपने समय के नए ढर्रे पर अवधी कविता को साधने की कोशिश की है। हकीम असलम ने कहा कि बेकल ने अवधी में गीत और गजलें अधिक लिखी हैं। कार्यक्रम में इकरामुल हक भूलेपुरी, कुमैल डोंडवी, अव्वल भूलेपुरी, मतलूब टांडवी, अफरोज रोशन किछौछवी, राशिद अनवर, रूमी भूलेपुरी, रफीक मुंडेरवी, इरशाद मुंबई, मुकद्दर किछौछवी, नूर आलम व अन्य शायर व कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम श्रद्धांजलि अर्पित की।
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