अम्बेडकरनगर-अपने चुनाव को वैध कराने को इंदिरा ने थोपा आपातकाल: बृजलाल
Ambedkar-nagar News - अम्बेडकरनगर में भाजपा ने 25 जून 1975 को इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ को काला दिवस के रूप में मनाया। इस अवसर पर आपातकाल से संबंधित प्रदर्शनी लगाई गई और नौ लोक तंत्र सेनानियों...

अम्बेडकरनगर, संवाददाता। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से 25 जून 1975 की रात में आपातकाल लगाया गया था। भाजपा उस दिन को काला दिवस के रूप में मनाती है। इसी के तहत बुधवार को आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ को काला दिवस मनाया। जिला कार्यालय अटल भवन में आपातकाल से संबंधित प्रदर्शनी लगाई गई। नौ लोक तंत्र सेनानियों का सम्मान हुआ। लोहिया भवन के गोष्ठी हुई। मीडिया से वार्ता और गोष्ठी को पूर्व डीजीपी व राज्यसभा सदस्य बृजलाल ने संबोधित किया। अटल भवन में क्षेत्रीय उपाध्यक्ष राहुल रस्तोगी, जिलाध्यक्ष त्रयंबक तिवारी, पूर्व सांसद रितेश पाण्डेय, संयोजक अंशुमान सिंह और जिला मीडिया प्रभारी बाल्मीकि उपाध्याय के साथ मीडिया से वार्ता करते हुए पूर्व डीजीपी राज्यसभा सदस्य बृजलाल ने कहा कि कांग्रेस सरकार की दमनकारी नीतियों ने 25 जून 1975 को देश में आधी रात को आंतरिक अशांति का बहाना बना कर भारत के लोगों पर आपातकाल थोप कर विपक्षी दलों के नेताओं को जेलों में ठूंस कर अमानवीय व्यवहार किया था।
आपातकाल का निर्णय किसी युद्ध या विद्रोह के कारण नहीं बल्कि अपने चुनाव को रद्द किए जाने और सत्ता बचाने की हताशा में लिया गया था। कांग्रेस पार्टी ने आपातकाल की अध्याय में न केवल लोक तांत्रिक संस्थाओं को रौंदा बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता, न्यायपालिका की निष्पक्षता और नागरिकों के मौलिक अधिकारों को कुचला गया था। कहा कि 50 वर्ष बाद भी कांग्रेस उसी मानसिकता के साथ चल रही है। क्षेत्रीय उपाध्यक्ष राहुल राज रस्तोगी ने कहा कि आपातकाल एक डरी हुई प्रधानमंत्री की सत्ता बचाने की रणनीति थी, जिसे न्यायपालिका से मिली चुनौती से बौखला कर थोपा गया था। इंदिरा गांधी ने संविधान की आत्मा को कुचलते हुए लोक तंत्र को एक झटके में तानाशाही में बदल दिया था। कहा कि कार्य पालिका, विधायिका और न्याय पालिका सहित लोकतंत्र के तीनों स्तंभों को बंधक बना कर सत्ता के आगे घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। दूसरी ओर जिलाध्यक्ष की अध्यक्षता में हुई गोष्ठी का संचालन जिला महामंत्री दिलीप पटेल ने किया। गोष्ठी में विधायक धर्म राज निषाद, अल्प संख्यक मोर्चा प्रदेश मंत्री नेहा खान, पूर्व जिलाध्यक्ष कपिल देव वर्मा, राम प्रकाश यादव, ज्ञान सागर सिंह, रमा शंकर सिंह, त्रिवेणी राम, अनीता कमल, विद्यावती राजभर, ब्लॉक प्रमुख संजय सिंह, केके मिश्र, डॉ राना रणधीर सिंह, रमेश चंद्र गुप्ता, विमलेंद्र प्रताप सिंह मोनू, संजय सिंह, विनय पाण्डेय, पंकज वर्मा,दिनेश पाण्डेय, राम किशोर राजभर, विजय विश्वकर्मा, अशोक उपाध्याय, अमर नाथ सिंह, डॉ धीरेंद्र प्रताप सिंह, सतपाल पटेल, लोक तंत्र सेनानी मग्गू राम, रमा शंकर गुप्ता मौजूद रहे। मंच पर रिंकल सिंह ने सिसक कर व्यक्त किया दर्द लोहिया भवन में आपातकाल की गोष्ठी में मौजूद पूर्व डीजीपी बृजलाल समेत भाजपा नेताओं के समक्ष महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष रिंकल सिंह ने अपना दर्द बयां किया। इस मौके पर भाजपा के गुट बाजी सतह पर दिखाई पड़ी। रिंकल सिंह ने महरुआ पुलिस की ओर से किए गए उत्पीड़न और उनके विरोधियों को संरक्षण देने के साथ धरने पर बैठने के बाद भी न्याय न मिलने का दर्द बयान किया। कहा जब उनकी सुनवाई नहीं हो रही है, तो आम लोगों की सुनवाई का अनुमान किया जा सकता है।
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