उत्पीड़न से परेशान रोडवेज कर्मचारियों ने खोला मोर्चा
Aligarh News - रोडवेज कर्मचारियों ने उत्पीड़न और भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोला है। एक परिचालक की आत्महत्या के बाद, कर्मचारियों ने अधिकारियों पर आरोप लगाए हैं। डीएम को शिकायत पत्र सौंपा गया है, जिसमें विभिन्न...

उत्पीड़न से परेशान रोडवेज कर्मचारियों ने खोला मोर्चा उत्पीड़न से तंग होकर परिचालक के आत्महत्या करने का आरोप महिला डिपो इंचार्ज ने भी लगाया शारीरिक शोषण का आरोप मृतक आश्रित महिला परिचालकों की नियुक्ति में भी है भ्रष्टाचार रोडवेज कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने डीएम से की शिकायत रोडवेज के अधिकारी के विरुद्ध बिंदुवार शिकायती पत्र दिया गया अलीगढ़, कार्यालय संवाददाता। परिवहन निगम के एक अधिकारी चर्चा का विषय बने हुए हैं। महिला कर्मचारी के साथ अन्य कर्मी भी उनके उपत्पीड़न का शिकार हुए हैं। परिवहन निगम के कर्मचारियों ने जनवरी में हुई कर्मचारी की मौत के पीछे अधिकारी को ही कारण माना है।
उत्तर प्रदेश रोडवेज, कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने इस मामले में जिलाधिकारी से शिकायत की है। शिकायत में समस्याओं को बिंदुवार बताया गया है। संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों ने पूर्व में डीएम से अधिकारी के भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। उस समय पदाधिकारियों से साक्ष्य मांगे गए। अब मोर्चा ने साक्ष्य के साथ शिकायती पत्र डीएम को दिया है। साथ ही पत्र निदेशालय व सीएम को भी भेजा है। पदाधिकारियों की मांग है कि भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी का स्थानांतरण किया जाए। मोर्चा ने बिंदुवार शिकायत दी है। बुद्ध विहार डिपो में नियमित परिचालक पुष्पेन्द्र सिंह मैजिक प्रकरण में निलंबित हो गया था। भ्रष्टाचार के तहत उसकी सेवा बहाल कर डिपो में तैनात कर दिया गया। इसके बाद उसे हाथरस डिपो तैनात कर दिया। आरोप है कि वरिष्ठ अधिकारी ने उसका इतना उत्पीड़न किया किया उसने विवश होकर 4 जनवरी को आत्म हत्या कर ली। ये दी गईं बिंदुवार शिकायतें मोर्चा के मुताबिक कार्यालय सहायक द्वितीय पद पर की गई पदोन्नति में सफल हुए परिचालकों का पुनः टाइप टैस्ट कराया जाए। इससे भ्रष्टाचार स्वतः स्पष्ट हो जाएगा। वरिष्ठता क्रम में बीसी पद पर पदोन्नत किए गए परिचालकों की गोपनीय जांच कराई जाए कि कितने पैसे में पदोन्नति की गई है। जिन परिचालकों द्वारा पैसे देने में आना-कानी की गई, उन परिचालकों की वागोप्र जबरन खराब करा दी गई, जिससे कि वरिष्ठता सूची प्रभावित न हो। बाद में पैसा देने पर गोपनीय प्रविष्टि सही कर पदोन्नति प्रदान की गई। मृतक आश्रित कोटे के तहत नवनियुक्त महिला परिचालकों को उनके गृह जनपद में तैनाती न कर दूरस्थ जनपदों में तैनाती की गई, जिससे कि परेशान होकर संपर्क करें। कुछ महिला परिचालकों को भ्रष्टाचार के तहत स्थानान्तरण रोक दिया गया है। प्रोन्नत किए गए कार्यालय सहायकों में से जिनसे पूरा पैसा नहीं आ पाया है, उनकी तैनाती नियम विरूद्ध डिपो प्रभारी स्तर पर की गई है। वयोवृद्ध महिलाओं की डयूटी सूतमील चौराहे पर सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक लगाई गई है, जिससे परेशान होकर महिलाएं सम्पर्क करें। इसी प्रकार श्यौदान सिंह वलि की डयूटी सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक लगाई गई है। वहां छाया एवं बैठने की व्यवस्था व पेज जल की व्यवस्था शून्य है। वरिष्ठ अधिकारी द्वारा वर्तमान में वयोवृद्ध लिपिकों का टाइप टेस्ट लिए जाने का निर्णय लिया गया है, जिसे संगठन द्वारा रुकवाया गया। स्थानांतरण नीति के तहत किए गए स्थानांतरण होने के बाद भी दो कर्मचारी 25 वर्षों से वरिष्ठ अधिकारी के कार्यालय में एक ही पटल पर तैनात हैं। जिन कार्मिकों को एसीपी का लाभ दिया जाना है, सुविधा शुल्क मिलने के बाद कार्रवाई की जाती है, शेष कर्मचारी आज तक एसीपी के लाभ से वंचित हैं। अतरौली डिपो के परिचालक केशव वरिष्ठता क्रम में बीसी पद पर पदोन्नति के पात्र हैं लेकिन सुविधा शुल्क न देने के चलते उनकी वागोप्र खराब कर दी गई। चढ़ावा देने के बाद पदोन्नति कर दी जाएगी। अधिकारी के लेनदेन का काम 25 वर्षों से एक ही पटल पर तैनात कर्मचारी करते हैं। उन कर्मचारी में से एक की 3 अनुबंधित बसें अपने रिश्तेदारों के नाम से निगम में नियम विरुद्ध अनुबंध है। जब कि शासनादेश के अनुसार निगम के किसी भी कर्मचारी या उनके रिश्तेदार के नाम बसों का अनुबंध नहीं हो सकता। वरिष्ठ अधिकारी की यहां से पूर्व दूसरे जिले में तैनाती के दौरान भ्रष्टाचार, रिश्वत का प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। इसके बाद भी पदोन्नति कर यहां भेजा गया। यात्री सुविधा मद में प्राप्त धनराशि का गमन फर्जी बिल वाउचर लगाकर किया जा रहा है। अधिकारी ने माह फरवरी से अब तक की अवधि में लगभग 200 कर्मचारियों के स्थानांतरण (नियमित एवं संविदा) किए गए हैं, जिनमें से भृष्टाचार के तहत अधिकांश कर्मचारियों के स्थानंतरण निरस्त किए गए।
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