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बोले कासगंज: क्या तीर्थ नगरी में कांवड़ियों की राहों से दूर होंगे ‘रोड़े

Agra News - आगामी दिनों में कांवड़ यात्राएं कासगंज जिले में शुरू होंगी। लाखों कांवड़िए सावन महीने में सोरोंजी तीर्थ नगरी आएंगे। प्रशासन ने व्यवस्थाएं शुरू कर दी हैं, जिसमें स्वच्छता, जलभराव की समस्या और सुरक्षा...

Newswrap हिन्दुस्तान, आगराMon, 30 June 2025 10:45 PM
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बोले कासगंज: क्या तीर्थ नगरी में कांवड़ियों की राहों से दूर होंगे ‘रोड़े

आगामी दिनों में कांवड़ यात्राएं जिले में शुरू हो जाएंगी। लाखों कांवड़िए पूरे सावन के महीने में कासगंज शहर से होकर तीर्थ नगरी सोरोंजी में आएंगे और जाएंगे। कांवड़ियों के टोल के टोल सड़कों पर हर-हर महादेव और बम-बम भोले के जयकारे लगाते निकलेंगे। साधारण कांवड़ियों के साथ-साथ डाक कांवड़ भी चलेंगी, जो छोटे बड़े वाहनों से गुजरेंगी। पांच से सात लाख कांवड़ियों के आगमन को ध्यान में रखते हुए पुलिस और प्रशासन अभी से व्यवस्थाओं में लग गए हैं। तैयारियों को लेकर तीर्थ नगरी के लोगों ने भी कांवड़ मेला और यात्राओं को लेकर कई सुझाव दिए हैं। हिन्दुस्तान के बोले कासगंज अभियान के तहत हुए संवाद में स्थानीय लोगों ने कहा कि कांवड़ियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए प्रशासन की ओर से व्यवस्थाएं की जाएं।

ताकि किसी भी भक्त को परेशानियों का सामना न करना पड़े। आपके अपने हिन्दुस्तान अखबार के बोले कासगंज संवाद में सोरोंवासियों ने कांवड़ियों को होने वाली दिक्कतों के बारे में बात उठाई। संवाद में लोगों ने कहा कि, सोरों तीर्थ नगरी में सोमेश्वर मंदिर के पास बरसाती दिनों में जलभराव हो जाता है, जिसमें होकर कांवड़ श्रद्धालुओं का आना जाना होता है, कांवड़ियों को गंदे जलभराव से होकर पवित्र गंगाजली कांवड़ में रखकर पैदल निकलना पड़ता है, जलभराव की समस्या का समाधान होना बहुत जरूरी है, जिससे असुविधा का सामना नहीं करना पड़े। इस समस्या का सामना नगर के स्थानीय लोगों को भी करना पड़ता है। लोगों ने कहा कि, कांवड़ियों के रास्ते में कंकड़ गिट्टियां साफ कराई जाएं, क्योंकि कांवड़िए पैदल चलते हैं, उनके पैर को इससे कष्ट नहीं होना चाहिए। गंगा से लेकर कांवड़ियों के रास्ते पर साफ सफाई स्वच्छता का माहौल बहुत ही जरूरी है। इस ओर नगर पालिका और नगर की सीमा से बाहर हाइवे पर प्रशासन को स्वच्छता का प्रबंध करना चाहिए। लोगों ने यह भी कहा कि, वैसे तो नगर पालिका नगरीय सीमा में रोशनी के प्रबंध करती है, लेकिन नगरीय सीमा के बाहर ग्राम पंचायतों व कासगंज की ओर नगर पालिका की सीमा पड़ती है, वहां भी स्वच्छता होनी चाहिए। कांवड़ियों के रास्ते हाइवे पर बरसात के समय जलभराव हो जाता है, इसका समाधान करने में नगर पालिका कासगंज को भी रुचि लेनी चाहिए। गंगा घाट पर कांवड़ियों के स्नान करते समय डूबने की घटनाएं नहीं हो, उसके लिए गोताखोरों की अधिक व्यवस्था हो,गंगा घाट पर निगरानी की व्यवस्था ज्यादा से ज्यादा की जाए, जिससे सुरक्षित स्नान कर सकें। - रवि सावन मेला के दौरान यूं तो पुलिस विभाग सुरक्षा के मजबूत प्रबंध करता है, इसके अलावा जहां जहां पर रास्ते पर मोड़ हों भी पुलिस तैनात हो, जिससे कांवड़िए भटक नहीं जाएं। गंगा घाट पर कांवड़ियों के सामान की सुरक्षा की व्यवस्था होनी चाहिए।- रविकांत शर्मा कांवड़ियों के लिए सावन मेला के दौरान गंगा घाट पर स्वच्छता की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि कांवड़ियों को साफ और स्वच्छ वातावरण में स्नान करने का अवसर मिले, बरसात को देखते हुए भी व्यवस्थाएं की जानी चाहिए। ये लोगों की भावनाओं धार्मिकता से जुड़ा है। - बबलू कांवड़ियों के साथ महिला श्रद्धालु भी कांवड़ लेने आती हैं, काफी महिलाएं अपने परिजन कांवड़ियों के साथ सहयोगी के रूप में भी आती हैं, उनके लिए गंगा घाट पर चेंजिंग रूम की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि कांवड़ियों को कपड़े बदलने के लिए सुविधा मिल सके।- श्रीकांत सावन मेला के दौरान कांवड़ियों के लिए गंगा घाट से दूर आसपास और रास्तों पर अस्थाई रूप से पर शौचालय की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि कांवड़ियों को स्वच्छता के लिए सुविधा मिल सके। जिसमें महिला-पुरुष शौचालय हों। - दीपक कांवड़ियों के लिए गंगा घाट के साथ-साथ सड़क पर बीच-बीच में पेयजल की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि कांवड़ियों को प्यास लगने पर पानी मिल सके, कांवड़ियों के निरंतर चलने के कारण पानी प्यास लगती है। पानी की व्यस्था होने से काफी राहत मिलेगी। - दयाराम कांवड़ यात्रा के लिए सभी रुटों पर पुलिस-प्रशासन के जगह-जगह हेल्प लाइन नंबर अंकित करके प्रचारित किये जाएं जिससे जरूरत पड़ने पर कोई भी कांवड़ श्रद्धालु सीधे अपनी सूचना पुलिस प्रशासन या कंट्रोल रूम पर दे सके और सहायता प्राप्त कर सके। - अमित कुमार सावन में कांवड़ यात्रा के दौरान गंगा घाट से लेकर सोरों होकर मथुरा-बरेली हाइवे पर एक साइड कांवड़ियों के लिए सुरक्षित रहती है, इन सड़कों पर निगरानी के लिए पुलिस या यातायात पुलिस की निरंतर टीमें भ्रमण करती रहेंगी, तो सुरक्षा और भी बेहतर होगी। - नवीन कुमार सावन मेला में कांवड़ियों को लगातार चलने के कारण शारीरिक दिक्कतें भी होती हैं, गंगा घाट व रास्तों में कुछ जगह प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि कांवड़ियों को चिकित्सा सुविधा मिल सके। जिससे काफी राहत मिलेगी। - शिव बैंदेल कांवड़ यात्रा के दौरान घाटों पर खोया पाया कैंप को सीसीटीवी कैमरों से सक्रिय रखा जाए जिससे खोए पाए यात्री या कांवड़ियों के साथ आने वाले किशोर उम्र के बच्चों की निगरानी भी हो सके। उनका प्रसारण दूर तक हो। - कल्लू कांवड़ मेला के दौरान मेला स्थल के सामने सड़क पर रास्ता अवरूद्ध नहीं हो, इसके लिए यातायात पुलिस की तैनाती विशेष अवसरों पर होनी चाहिए, सोरों में भगवान वराह मूर्ति के सामने तिराहे पर यातायात को लेकर दिक्कत पैदा होती है। - कौशल उपाध्याय सावन महीने में विशेष रूप से हर सोमवार को कांवड़ यात्रा के दौरान एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध होनी चाहिए ताकि आपात कालीन स्थिति में यात्रियों को अस्पताल पहुंचाया जा सके, यात्रा के दौरान शारीरिक दिक्कतें भी होती हैं। - अमन शर्मा सावन मास के कांवड़ मेला में सामाजिक सहयोग सभी को करना चाहिए, जिससे तीर्थ यात्रियों को इसका ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके। साथ ही सोरोंजी नगरी का अच्छा संदेश दूसरे शहरों और राज्यों से आने वाले श्रद्धालु को मिले। यदि ऐसा होता है तो यहां भी श्रद्धालु बढ़ेंगे। - दयाराम कांवड़ मेला के दौरान भले ही श्रद्धालु गंगा लहरा घाट पर जाते हैं, इसके साथ साथ बहुत से श्रद्धालु यहां प्रसिद्ध हरिपदी गंगा में भी स्नान करते हैं, इसलिए हरिपदी गंगा में भी स्वच्छ जल छोड़ा जाना चाहिए। दूर दराज से आने वाले श्रद्वालु अपने साथ गंगाजल भी लेकर जाते हैं। इससे उनकी भावनाओं की जुड़ी हैं। - लालाराम कांवड़ मेला के दौरान भले ही श्रद्धालु गंगा लहरा घाट पर जाते हैं, इसके साथ साथ बहुत से श्रद्धालु यहां प्रसिद्ध हरिपदी गंगा में भी स्नान करते हैं, इसलिए हरिपदी गंगा में भी स्वच्छ जल छोड़ा जाना चाहिए। दूर दराज से आने वाले श्रद्वालु अपने साथ गंगाजल भी लेकर जाते हैं। इससे उनकी भावनाओं की जुड़ी हैं। - लालाराम सावन माह में लगने वाला कांवड़ मेला तीर्थ नगरी सोरोंजी के लिए भी बड़ा उत्सव है, इसका प्रचार प्रसार सोशल नेटवर्क पर भी प्रशासन को कराना चाहिए, जिससे कांवड़ मेला की प्रसिद्धि दूर तक जाए और श्रद्धालु यहां और भी ज्यादा आएं। जिससे लोगों को रोजगार और सरकार को राजस्व में फायदा मिले। - लालो

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