Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Action taken for filing fake case on court order case filed against 25 policemen including three inspectors

फर्जी केस दर्ज करने पर ऐक्शन, कोर्ट के आदेश पर तीन इंस्पेक्टर समेत 25 पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज

बदायूं में फर्जी केस दर्ज करने के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। सीजेएम मोहम्मा तौसीफ रजा के आदेश पर बिनावर थाने में तीन इंस्पेक्टर, चार उप निरीक्षक समेत कुल 25 पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है।

Dinesh Rathour लाइव हिन्दुस्तान, बदायूंMon, 30 June 2025 10:54 PM
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फर्जी केस दर्ज करने पर ऐक्शन, कोर्ट के आदेश पर तीन इंस्पेक्टर समेत 25 पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज

यूपी के बदायूं में फर्जी केस दर्ज करने के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। सीजेएम मोहम्मा तौसीफ रजा के आदेश पर बिनावर थाने में तीन इंस्पेक्टर, चार उप निरीक्षक समेत कुल 25 पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। इनमें तत्कालीन बिनावर थाना प्रभारी कांत कुमार शर्मा, इंस्पेक्टर क्राइम बिनावर गुड्डू सिंह और तत्कालीन एसओजी प्रभारी नीरज मलिक के नाम शामिल हैं। इन पर आरोप है कि एनडीपीएस एक्ट में झूठी बरामदगी दिखाकर बेकसूरों को फर्जी तरीके से केस में फंसाया गया और थाने में बंधक बनाकर जेल भेज दिया।

बिनवार थाना क्षेत्र के रहमा गांव के रहने वाले अधिवक्ता मो. तसलीम गाजी ने सीजेएम कोर्ट में दी गई अर्जी में आरोप लगाए थे। बताया, 28 जुलाई 2024 की रात करीब 12.30 बजे बिनावर पुलिस और एसओजी टीम ने मुख्त्यार, विलाल, अजीत, अशरफ और तरनवीर को उनके घरों से जबरन उठाया और थाने ले जाकर बंधक बना लिया। तीन दिन तक उन्हें गैरकानूनी हिरासत में रखा गया। इसके बाद पुलिस ने 31 जुलाई को फर्जी तरीके से तीन अलग-अलग मुकदमे एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज कर लिया और झूठी बरामदगी दिखाते हुए जेल भेज दिया। अधिवक्ता का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में एसएसपी को भी शिकायत दी, लेकिन कार्रवाई न होने पर मजबूरन कोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने 25 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश पारित दिया था, जिसके बाद बिनावर पुलिस ने सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।

30 को प्रेसनोट जारी, 31 को गिरफ्तारी

अधिवक्ता ने न्यायालय में दिए प्रार्थना पत्र में में दावा किया, एसएसपी कार्यालय द्वारा 30 जुलाई को अभियुक्तों की गिरफ्तारी से संबंधित प्रेस नोट, फोटो और वीडियो अपने सोशल मीडिया एकांउटों पर जारी किए। कागजों में गिरफ्तारी की तारीख 31 जुलाई दिखाई। जब कोर्ट में सीसीटीवी फुटेज और प्रेस नोट तलब करने की अर्जी दी, तो थानेदार सहित कई पुलिसकर्मियों ने उन्हें फर्जी एनकाउंटर में निपटा देने की धमकी दी।

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