नकली नोट के नाम धोखाधड़ी करने वालों पर ऐक्शन, पुलिस ने गैंग दबोचा, हेड कांस्टेबल समेत चार गिरफ्तार
यूपी पुलिस का हेड कांस्टेबल साथियों के साथ मिलकर नकली नोट के नाम पर धोखाधड़ी करने वाला गैंग चला रहा था। गिरोह लोगों को झांसे में लेकर एक लाख रुपये असली करेंसी के बदले तीन लाख रुपये के नकली नोट देने का झांसा देता था।

यूपी पुलिस का हेड कांस्टेबल साथियों के साथ मिलकर नकली नोट के नाम पर धोखाधड़ी करने वाला गैंग चला रहा था। गिरोह लोगों को झांसे में लेकर एक लाख रुपये असली करेंसी के बदले तीन लाख रुपये के नकली नोट देने का झांसा देता था। लेनदेन के समय हेड कांस्टेबल अपने साथी के साथ वर्दी पहनकर दबिश देने का ड्रामा करता था। नकली नोट लेने आए लोगों को हिरासत में लेने का ड्रामा किया जाता और वसूली की जाती थी। इसी तरह मुरादाबाद के कपड़ा कारोबारी से 10 लाख रुपये वसूले गए थे। स्वाट टीम और मवाना पुलिस ने हेड कांस्टेबल समेत चार आरोपियों की गिरफ्तारी की है।
मुरादाबाद के मोहल्ला ततारपुर सिविल लाइंस निवासी मोहम्मद आलम ने बताया कि दोस्त नदीम निवासी मुरादाबाद के साथ मिलकर वह महाराष्ट्र और तेलंगाना में कपड़े-कॉस्मैटिक सप्लाई का काम करता था। करीब दो साल पहले अतीकुर्रहमान निवासी सरधना से मुलाकात हुई, जो महाराष्ट्र में ही कपड़े का काम करता था। अतीकुर्रहमान ने बताया कि वह जावेद निवासी शामली का परिचित है। जावेद नकली करेंसी छापने और सप्लाई करने का काम करता है। एक लाख रुपये असली नोट के बदले में तीन लाख रुपये नकली नोट देता है। यह नोट असली की तरह होते हैं और बाजार में आसानी से चल जाते हैं। मोहम्मद आलम ने बताया कि अतीकुर्रहमान झांसे में लेकर उन्हें 10 मई को अपने गांव ले गया था। जावेद उर्फ सरफराज राणा से मुलाकात कराई थी। 100, 200 और 500 रुपये के नोट दिखाए थे, जिनके सीरियल नंबर एक जैसे थे। बताया गया कि पांच लाख रुपये देने पर ही आर्डर बुक किया जाएगा और 15 लाख रुपये मिलेंगे।
हड़प लिए 10 लाख रुपये
मोहम्मद आलम ने बताया कि अतीकुर्रहमान और जावेद की बातों में आकर 18 मई को 10 लाख रुपये लेकर फलावदा ब्रिज के नीचे पहुंचे। यहां आरोपियों ने 10 लाख रुपये लेकर एक बैग दिया, जिसमें 100, 200 और 500 रुपये के नोटों की पॉलीथिन में बंद गड्डियां थी। इसी दौरान ब्रेजा कार में पुलिस की वर्दी पहने हुए दो पुलिसकर्मी आए और दबिश देकर सभी को पकड़ लिया। नोटों की गड्डियां उठाकर कार में डाल ली।
जावेद, अतीकुर्रहमान और उनके साथी मोहसीन को कार में बैठा लिया। आलम ने बताया उसने और नदीम ने पुलिसकर्मियों से छोड़ने की गुहार लगाई। इसके बाद दोनों पुलिसकर्मियों ने कहा इस कार्रवाई का जिक्र किसी से नहीं करना और हम खुलासे में तुम्हारा जिक्र नहीं करेंगे। मोहम्मद आलम ने बताया कि इसके बाद पुलिसकर्मियों ने उन्हें छोड़ दिया।
शिकायत पर एसएसपी ने स्वाट टीम लगाई
मोहम्मद आलम ने मेरठ एसएसपी डॉ. विपिन ताडा से गोपनीय शिकायत की। इसके बाद स्वाट टीम को लगाया गया। स्वाट टीम ने गिरोह को लेकर छानबीन की तो खुलासा हुआ गाजियाबाद के भोजपुर थाने में तैनात हेड कांस्टेबल मोहम्मद इमरान निवासी मीरापुर मुजफ्फरनगर भी गैंग में शामिल है और उसका साला वसीम मवाना भी जुड़ा है। स्वाट टीम ने हेड कांस्टेबल मोहम्मद इमरान, उसके साले वसीम, भावनपुर निवासी सलीम और मोहम्मद हाशिम को गिरफ्तार कर लिया।
जावेद और मोहसीन पुराने शातिर
स्वाट टीम शामली के जावेद, अतीकुर्रहमान निवासी सरधना और मोहसीन निवासी औरंगाबाद भावनपुर की तलाश में लगी है। खुलासा किया कि जावेद और मोहसीन इसी तरह से नकली नोट देने के नाम पर लोगों से ठगी करते आ रहे हैं। मेरठ स्वाट टीम ने 2022 में भी मोहसीन को गिरफ्तार किया था और उसका बड़ा अपराधिक रिकार्ड है। जावेद के खिलाफ भी मेरठ के नौचंदी थाने में मुकदमा दर्ज है।
यह करते थे आरोपी |
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500 रुपये के नोट वाली 18 गड्डी (ऊपर और नीचे असली नोट और बीच में सफेद कागज लगाकर पॉलीथिन में बंद किया हुआ है) |
200 रुपये की 19 गड्डी (ऊपर और नीचे असली नोट और बीच में सफेद कागज लगाकर पॉलीथिन में बंद किया हुआ है) |
घटना में प्रयुक्त कार |
पिस्टल लाइटर, जिसे दबिश में दिखाकर धमकाया था |
बाइक और तमंचे कारतूस, पांच फोन |
ये फरार |
जावेद उर्फ सरफराज राणा निवासी भैसानी, थाना भवन शामली |
अतीकुर्रहमान निवासी गांव नाहली, सरधना मेरठ |
मोहसीन उर्फ मुजरी निवासी औरंगबाद, भावनपुर मेरठ |