Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़5 otps in 5 minutes of getting a credit card new tricks of cyber fraud are coming to the fore

क्रेडिट कार्ड मिलने के 5 मिनट में 5 ओटीपी, सामने आ रहे साइबर ठगी के नए-नए पैंतरे

  • गौरव खन्ना के मोबाइल पर 15 फरवरी की सुबह 11:39 बजे एक ओटीपी पहुंचा। कुछ सेकेंड में ही उनके खाते से 1,12,010 रुपये की राशि बीईएसई राजधानी पावर लिमिटेड को स्थानांतरित हो गई। इसकी सूचना उन्होंने तत्काल आरबीएल (रत्नाकर बैंक लिमिटेड) के कस्टमर केयर पर कॉल करके दी।

Ajay Singh संवाददाता, कानपुरWed, 2 April 2025 11:03 AM
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क्रेडिट कार्ड मिलने के 5 मिनट में 5 ओटीपी, सामने आ रहे साइबर ठगी के नए-नए पैंतरे

साइबर ठगी के नए-नए पैंतरे सामने आ रहे हैं। एक नए तरह का मामला आया है। कानपुर में एक साइबर ठग ने पहले क्रेडिट कार्ड जारी कराया फिर कुछ दिनों बाद उसी कार्ड का प्रयोग कर पांच मिनट में पांच ओटीपी भेज दिए। चूंकि पीड़ित ने क्रेडिट कार्ड लिया ही नहीं था ऐसे में एक्टिव न होने के कारण वह दूसरी बार ठगी का शिकार होने से बच गया।

घटना के ठीक एक माह पहले क्रेडिट कार्ड से ही मोबाइल पर ओटीपी भेजकर पीड़ित के साथ 1,12,010 रुपये की ठगी हो चुकी है। अब वह परेशान होकर साक्ष्य लेकर साइबर सेल और चकेरी थाने के चक्कर लगा रहा है लेकिन अधिकारी हैं कि सुनने को ही तैयार नहीं।

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लालबंगला के परदेवन पुरवा निवासी गौरव खन्ना के मोबाइल पर 15 फरवरी की सुबह 11:39 बजे एक ओटीपी पहुंचा। इसके ठीक कुछ सेकेंड में ही उनके खाते से 1,12,010 रुपये की राशि बीईएसई राजधानी पावर लिमिटेड को स्थानांतरित हो गई। इसकी सूचना उन्होंने तत्काल आरबीएल (रत्नाकर बैंक लिमिटेड) के कस्टमर केयर पर कॉल करके दी। इसके साथ ही उन्होंने तत्काल क्रेडिट कार्ड को भी ब्लॉक करवा दिया। घटना के ठीक छह दिनों बाद 21 फरवरी को बैंक से उन्हें नया क्रेडिट कार्ड जारी हो गया। इसको बैंक की ओर से उनके पते पर भेजा गया।

क्रेडिट कार्ड भेजने का मैसेज उनके मोबाइल पर पहुंचा तो उन्होंने बैंक को ईमेल भेजकर शिकायत दर्ज कराई और क्रेडिट कार्ड निरस्त करने को कहा। जिसके बाद चार मार्च को उन्हें क्रेटिड कार्ड अनडिलीवर्ड होने का टेक्स्ट मैसेज आया तो उन्होंने सुकून की सांस ली। 13 दिनों बाद 17 मार्च की शाम 5:50 बजे आए एक मैसेज ने उन्हें फिर परेशान कर दिया।

दरअसल जो क्रेडिट कार्ड उन्हें मिला ही नहीं, उससे मध्य प्रदेश के मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण ग्रामीण के खाते में 9584 रुपये बिल भुगतान का मैसेज उनके मोबाइल पर आया। इसके तत्काल बाद 5:50 बजे ही उन्हें ओटीपी 996793 मिला। 5:54 बजे तक उन्हें इसी तरह पांच मिनट में पांच ओटीपी आ गए। जिसे देखकर गौरव घबरा गए।

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इसके तत्काल बाद उन्होंने मोबाइल और व्हाट्सएप पर मिले मैसेज और मेल पर आए संदेश जैसे सभी साक्ष्य जुटाए और साइबर सेल को भेज दिए। ठगी की जानकारी उन्होंने साइबर सेल को दी थी जिस पर उनकी शिकायत दर्ज हो गई हालांकि अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है।

बैंक पर उठाए सवाल

सभी साक्ष्यों की हार्ड कॉपी निकालकर उन्होंने आरबीएल बैंक को मेल किया। जिसमें उन्होंने पहला सवाल उठाया कि जब उन्होंने क्रेडिट कार्ड के लिए मना कर दिया था तो फिर कैसे उनकी अनुमति के बिना जारी कर दिया गया। दूसरा सवाल किया कि जब क्रेडिट कार्ड उन्हें मिला ही नहीं। उन्हें न तो कार्ड का नंबर पता है और न ही सीवीवी नंबर। ऐसे में उनके नाम पर भेजे गए कार्ड का प्रयोग आखिर कैसे हो गया। गौरव के मुताबिक बैंक की ओर से अभी तक उन्हें कोई जवाब नहीं दिया गया है।

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