चुनाव में वोट न देने को लेकर 20 साल पहले हुई थी हत्या, 6 आरोपियों को अब मिली उम्रकैद की सजा
धर्मवीर सिंह निवासी लाड़म ने 24 अगस्त 2005 को तहरीर देकर आरोप लगाया कि आरोपियों ने हथियारों से लैस एक राय होकर वादी के भाई धर्मपाल की गोली मार हत्या कर दी। आरोप था कि चुनाव में आरोपियों के उम्मीदवार को वोट न देने को लेकर यह हत्या की गई।

चुनाव में वोट न देने को लेकर रंजिशन गोली मार हत्या के 20 साल पुराने मामले में फैसला आ गया है। अदालत ने भाइयों समेत आधा दर्जन आरोपियों को दोषी पाया है। अपर जिला जज प्रथम राजेंद्र प्रसाद ने आरोपी जितेंद्र, बबलू, पवन, गिर्राज, गोविन्द एवं बलवीर उर्फ दलवीर निवासीगण लाड़म मनकैड़ा मलपुरा को आजीवन कारावास और एक लाख 71 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। वहीं अभियोजन की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता राधाकृष्ण गुप्ता ने अहम साक्ष्य प्रस्तुत किए।
वादी धर्मवीर सिंह निवासी लाड़म ने थाना मलपुरा पर 24 अगस्त 2005 को तहरीर देकर आरोप लगाया कि आरोपियों ने हथियारों से लैस एक राय होकर वादी के भाई धर्मपाल की गोली मार हत्या कर दी। आरोप था कि चुनाव में आरोपियों के उम्मीदवार को वोट न देने को लेकर यह हत्या की गई। धर्मवीर सिंह के मुताबिक आरोपियों ने उन्हें और उनके भाई को बहुत मजबूर किया लेकिन उन्होंने उनकी बात नहीं मानी।
विवेचना के दौरान धर्मवीर ने पुलिस को बताया कि घटना वाली शाम दोनों भाइयों पर आरोपियों ने पहले डंडों से हमला बोला फिर धर्मपाल को गोली मार दी। धर्मपाल को आनन-फानन में एसएन मेडिकल कॉलेज ले जाया गया लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
पुलिस ने इस मामले में अगले दिन आईपीसी की धारा 147, 148, 149 और 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया था। जांच में भी वोट न देने को लेकर रंजिशन घटना को अंजाम दिए जाने की बात सामने आई। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर 30 अगस्त को दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपी बबलू की निशानदेही पर पुलिस ने .315 बोर का देशी कट्टा और दो जिंदा कारतूस बाजरा के एक खेत से 16 सितंबर को बरामद किए थे। विवेचना के दौरान छह सितंबर को भी तीन आरोपियों को जेल भेजा। पुलिस ने साक्ष्य जुटा 30 सितंबर 2005 को आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया।