प्री-पेड मीटर लगवाने वालों को बिजली दरों में 2 फीसदी की छूट! यूपी पॉवर कॉरपोरेशन का प्रस्ताव
उत्तर प्रदेश में स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगवाने वाले उपभोक्ताओं को बिजली दरों में 2 फीसदी की छूट मिल सकती है। यूपी पॉवर कॉरपोरेशन ने नियामक आयोग को प्रस्ताव दिया है। ऑनलाइन पेमेंट करने वाले उपभोक्ताओं को भी सहूलियत का प्राविधान किया है।

स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगवाने वाले उपभोक्ताओं को बिजली दर में दो प्रतिशत तक की छूट मिल सकती है। पॉवर कॉरपोरेशन ने बिजली दरें तय करने के लिए जो मसौदा नियामक आयोग में दाखिल किया है, उसमें यह प्रस्ताव दिया है। इसके अतिरिक्त पॉवर कॉरपोरेशन ने ऑनलाइन पेमेंट करने वाले उपभोक्ताओं को भी सहूलियत का प्राविधान किया है।
इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं से सुविधा शुल्क नहीं लिया जाएगा। वहीं, अगर 4000 हजार रुपये तक का भुगतान उपभोक्ता डेबिट या क्रेडिट कार्ड से करता है तो भी उसे कोई अतिरिक्त शुल्क जमा नहीं करना होगा। बिजली की नई दरें तय करने के लिए पावर कॉरपोरेशन ने नियामक आयोग में जो मसौदा दाखिल किया है, उसमें उसने बड़े पैमाने पर दरों में बढ़ोतरी की मांग की है। इस पर चारों तरफ से विरोध जताया जा रहा है। हालांकि, स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगवाने वाले उपभोक्ताओं के लिए सहूलियत का भी प्रस्ताव दिया गया है।
जानकारों के मुताबिक मीटर प्री-पेड मीटर लगने के बाद मीटर रीडरों पर होने वाला खर्च बिजली कंपनियों का बचेगा। लिहाजा उन्होंने इसके एवज में उपभोक्ताओं को तय होने वाली बिजली दरों में दो प्रतिशत की छूट का प्रस्ताव दिया है।
तय तारीख पर बिल जमा किया तो एक फीसदी छूट
पावर कॉरपोरेशन ने नियामक आयोग को प्रस्ताव दिया है कि बिल भुगतान की तारीख या उससे पहले रकम जमा करने वाले उपभोक्ताओं को बिजली दर में एक प्रतिशत की छूट दी जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में यह छूट पांच प्रतिशत की होगी। हालांकि, जिन उपभोक्ताओं पर बिल बकाया है, उन्हें इस सुविधा का लाभ नहीं दिया जाएगा। यही नहीं, अगर कोई भी उपभोक्ता एडवांस पेमेंट करता है तो उसे एडवांस रकम पर ब्याज भी दिया जाएगा। ब्याज की दर वही होगी जोकि सिक्योरिटी डिपॉजिट पर दी जाती है। अग्रिम जमा राशि से मासिक बिल की कटौती होगी और बची हुई रकम पर अगली बिल चक्र में ब्याज दिया जाएगा। इस सुविधा में पूरी पारदर्शिता रहे इसके लिए पावर कॉरपोरेशन ने प्रस्ताव दिया है कि अग्रिम जमा राशि पर ब्याज और मासिक बिल के समायोजन को अलग-अलग दर्शाया जाएगा और हर तिमाही पर इसकी पूरी रिपोर्ट नियामक आयोग को सौंपी जाएगी।