विज्ञप्ति में बताया गया कि तटरक्षक बल संकटग्रस्त मालकवाहक जहाज के पास बचाव कार्यों का समन्वय कर रहा है। जहाज पर सवार चालक दल के 24 सदस्यों में से 9 लोग जीवनरक्षक नौका पर सवार थे। चालक दल के शेष 15 सदस्यों को बचाने के लिए अभियान जारी है।
केरल के कोच्चि में यह कानूनी विवाद तब शुरू हुआ, जब पिछले साल नवंबर में एक ग्राहक ने परोटा और बीफ ऑर्डर किया। परोटा मैदा से बनता है और अपनी रूखी बनावट के कारण ग्रेवी के साथ खाया जाता है, ताकि यह नरम और स्वादिष्ट हो सकते।
वेल्लापल्ली नटेसन एझावा समुदाय के प्रभावशाली नेता हैं। वह एसएनडीपी योगम के जरिए सामाजिक सुधारों की वकालत करते रहे हैं। हालांकि, पहले भी अपने विवादास्पद बयानों के लिए चर्चा में आ चुके हैं।
विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने कहा कि मंदिर उत्सव के दौरान 'आरएसएस गणगीथम' का गायन 'गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने टीडीबी से इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तत्काल और सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया।
पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है और जांच जारी है।’ श्रम मंत्री शिवनकुट्टी ने इन दृश्यों को चौंकाने वाला और परेशान करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि केरल जैसे राज्य में इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता।
प्रदर्शनकारी महिला ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगें पूरी करने से इनकार कर दिया तो सभी प्रदर्शनकारी यहीं मर जाएंगे। महिला ने आरोप लगाया, ‘हम पिछले 50 दिनों से भीषण गर्मी और बारिश से जूझते हुए अपना प्रदर्शन कर रहे हैं।'
आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदु ने स्वीकार किया कि संकाय सदस्य का कृत्य घोर लापरवाही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करेगी।
केरल में बीजेपी राज्य इकाई ने इस विवाद से खुद को अलग कर लिया है। बीजेपी केरल के महासचिव पी. सुधीर ने कहा कि पार्टी किसी फिल्म के खिलाफ अभियान नहीं चलाएगी।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, 'विरोध शांतिपूर्ण था। मंदिर प्रबंधन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि अगर कोई बिना कमीज उतारे मंदिर में प्रवेश करता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।'
अनु कुमारी ने बताया, 'जब हम लोगों को बाहर निकाल रहे थे, तभी मधुमक्खियों ने हम पर हमला कर दिया। हमारे कई कर्मचारियों को डंक मार दिया। हम उन्हें आवश्यक चिकित्सा सहायता के लिए अस्पताल ले गए।'