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6 साल से फरार,1 लाख का इनाम;कैसे पुलिस की गिरफ्त में आया जोधपुर का ड्रग तस्कर

चिमाराम जाट राजस्थान,गुजरात,महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में कम से कम छह पुलिस छापों के दौरान भागने में कामयाब रहा था। उसका तरीका यह था कि वह परिवहनकर्ता (ट्रांसपोर्टर) के वेश में अपने साथियों द्वारा चलाए जा रहे ट्रकों में यात्रा करता था और पकड़े जाने से बचने के लिए बार-बार ठिकाने बदलता रहता था।

Utkarsh Gaharwar लाइव हिन्दुस्तान, जोधपुर, पीटीआईSun, 22 June 2025 04:58 PM
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6 साल से फरार,1 लाख का इनाम;कैसे पुलिस की गिरफ्त में आया जोधपुर का ड्रग तस्कर

कई गंभीर अपराधों में वांछित और 1 लाख रुपये का इनामी कुख्यात ड्रग तस्कर चिमाराम जाट को पुलिस ने छह साल से अधिक समय तक चकमा देने के बाद आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है। यह जानकारी रविवार को एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी। महानिरीक्षक पुलिस (जोधपुर रेंज) विकास कुमार ने बताया कि यह गिरफ्तारी 'ऑपरेशन झंकार' के तहत साइक्लोनर टीम ने की है। बाड़मेर जिले के लीलसर गांव का रहने वाला चिमाराम पश्चिमी राजस्थान में नारकोटिक्स तस्करी का सरगना और क्षेत्र के सबसे बड़े ड्रग सप्लाई नेटवर्क के पीछे का मास्टरमाइंड माना जाता था। वह अपराधी गिरोहों में पुलिस गश्ती दल को गुमराह करने के लिए जाना जाता था और जोधपुर और उदयपुर पुलिस रेंज में उस पर 50,000-50,000 रुपये का इनाम था।

चिमाराम जाट राजस्थान,गुजरात,महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में कम से कम छह पुलिस छापों के दौरान भागने में कामयाब रहा था। उसका तरीका यह था कि वह परिवहनकर्ता (ट्रांसपोर्टर) के वेश में अपने साथियों द्वारा चलाए जा रहे ट्रकों में यात्रा करता था और पकड़े जाने से बचने के लिए बार-बार ठिकाने बदलता रहता था। 2019 में वह पूरी तरह से भूमिगत (अंडरग्राउंड) हो गया,जबकि उसके कई सहयोगी या तो गिरफ्तार कर लिए गए,मारे गए या उन्होंने तस्करी का धंधा छोड़ दिया था। हालांकि,उस पर आरोप है कि उसने अपने ड्रग तस्करी के काम का विस्तार जारी रखा।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि चिमाराम कम से कम 15 गंभीर आपराधिक मामलों में वांछित था, जिनमें ड्रग तस्करी,हत्या का प्रयास,पुलिस टीमों पर गोलीबारी,अपहरण और आर्म्स एक्ट के उल्लंघन के मामले शामिल थे। आईजी ने बताया कि वह पुलिस और प्रतिद्वंद्वियों पर गोली चलाने के लिए कुख्यात था,जिसमें 2015 से 2019 के बीच सुमेरपुर (पाली) और शिव (बाड़मेर) की घटनाएं भी शामिल हैं। यह सफलता तब मिली जब साइक्लोनर टीम ने नीमच-मंदसौर बेल्ट में एक ड्रग सप्लायर की निगरानी शुरू की। पुलिस ने संचार को इंटरसेप्ट करके और ग्राहक बनकर, चिमाराम को राजस्थान-मध्य प्रदेश सीमा की ओर जा रहे एक ट्रक में खोज निकाला और उसे एक सड़क किनारे होटल से गिरफ्तार कर लिया।

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