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नागौर जाकर हनुमान बेनीवाल को जवाब देगी करणी सेना, बताया पूरा प्लान; कहा- या तो इतिहास रचेंगे या फिर..

करणी सेना के संस्थापक ने कहा, ‘सभी क्षत्रिय पहुंचे, समस्त क्षत्रियों द्वारा आयोजित क्षत्रिय स्वाभिमान अस्मिता महासम्मेलन को सफल बनाएं। हम सभी का दायित्व है कि ऐसी घटनाओं का पुनरावर्तन रोकना, उस पर विराम लगाना।’

Sourabh Jain लाइव हिन्दुस्तान, नागौर, राजस्थानSat, 24 May 2025 05:49 PM
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नागौर जाकर हनुमान बेनीवाल को जवाब देगी करणी सेना, बताया पूरा प्लान; कहा- या तो इतिहास रचेंगे या फिर..

राजस्थान की नागौर सीट से लोकसभा सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संस्थापक हनुमान बेनावाल ने हाल ही में ऐसा कुछ कहा था जिससे राजपूत संगठन 'क्षत्रिय करणी सेना' बेहद नाराज हो गई थी और उसने इस बयान के लिए बेनीवाल को कड़ा सबक सिखाने की बात कही थी। अब बेनीवाल को सबक सिखाने के लिए करणी सेना ने 8 जून को नागौर में एक सम्मेलन करने जा रही है, जिसके बारे में उसने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट करते हुए जानकारी दी।

इस बारे में बताते हुए क्षत्रिय करणी सेना के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राज शेखावत ने सोशल मीडिया पर लिखा कि 'नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने एक बार फिर हमारे क्षत्रिय स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने का दुस्साहस किया है। यह कोई पहली बार नहीं है इससे पहले भी कई बार हमारे मान-सम्मान पर चोट की गई, हमारी अस्मिता को ललकारा गया। लेकिन अब बहुत हो चुका, अब समय आ गया है जवाब देने का.. मुंहतोड़ जवाब देने का। अब न अपमान सहेंगे, न चुप रहेंगे।'

'या तो इतिहास लिखेंगे, या खुद बन जाएंगे'

इसके आगे उन्होंने लिखा, 'आर या पार की लड़ाई के लिए 8 जून 2025, रविवार को नागौर में क्षत्रिय स्वाभिमान अस्मिता महासम्मेलन का आयोजन। यह सिर्फ सम्मेलन नहीं, बल्कि हमारे स्वाभिमान की हुंकार है! हर क्षत्रिय भाई-बहन से आह्वान है, अबकी बार संघर्ष अंतिम होगा, जवाब निर्णायक होगा। इस बार तय करके आइए। या तो इतिहास रचेंगे, या खुद इतिहास बन जाएंगे।'

वीडियो में बोले- हम कब तक बर्दाश्त करें

अपनी इस पोस्ट के साथ शेखावत ने अपना एक वीडियो भी शेयर किया, जिसमें उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का संस्थापक और नागौर लोकसभा सीट का सांसद हनुमान बेनीवाल हमारे पूर्वजों और क्षत्राणियों पर अभद्र टिप्पणी कर रहा है, भूतकाल में भी यह व्यक्ति कई बार हमारे देवी-देवताओं एवं महापुरुषों पर अभद्र टिप्पणी कर चुका है। आखिर कबतक हम यह बर्दाश्त करेंगे, समय आ गया है, इन्हें मुंहतोड़ जवाब देने का।'

आगे उन्होंने कहा, ‘तारीख 8 जून 2025 दोपहर 2 बजे सभी नागौर बड़ी संख्या में पहुंचें। सभी क्षत्रिय पहुंचे, समस्त क्षत्रियों द्वारा आयोजित क्षत्रिय स्वाभिमान अस्मिता महासम्मेलन को सफल बनाएं। हम सभी का दायित्व है कि ऐसी घटनाओं का पुनरावर्तन रोकना, उस पर विराम लगाना, तो दोस्तों 8 जून को दोपहर बजे अपने-अपने घरों से अपने दोस्तों के साथ, सगे संबंधियों के साथ बड़ी संख्या में नागौर पहुंचना है और उसे मुंहतोड़ जवाब देना है। जय क्षात्र धर्म, जय मां करणी।’

इस सम्मेलन के लिए जो पोस्टर बनाए गए हैं, उसमें कार्यक्रम की जानकारी देने के अलावा, नीचे की तरफ लिखा है, 'बुलावे भेजे नहीं जाते जंग ए स्वाभिमान में, योद्धा खुद भागे चले आते हैं युद्ध के मैदान में। द्वंद्व कहां तक पाला जाए, युद्ध कहां तक टाला जाए, तू भी है राणा का वंशज, फेक जहां तक भाला जाए।'

संसद सदस्यता रद्द करने के लिए पत्र भी लिखा

इससे पहले 23 मई को करणी सेना ने हनुमान बेनीवाल की संसद सदस्यता रद्द कराने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक पत्र भी लिखा था। इस पत्र को शेयर करते हुए राज शेखावत ने लिखा, 'राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के नागौर सांसद श्री हनुमान बेनीवाल जी द्वारा हमारे पूर्वजों एवं क्षत्राणियों पर की गई आपत्तिजनक एवं अनर्गल तथा अभद्र टिप्पणी के संबंध मे, सांसद महोदय की सदस्यता रद्द करने हेतु आग्रह।'

बेनीवाल के इस बयान से भड़की करणी सेना

एक मीडिया हाऊस से बात करते हुए नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा था, 'राजस्थान के इतिहास में ज्यादा लड़ाइयां नहीं लड़ी लोगों ने, एक-दो लोगों का कोई नाम होगा, इसके अलावा मुझे नहीं लगता राजस्थान के लोगों ने कोई लड़ाई लड़ी है, महाराज सूरजमल को छोड़ दें या एक-दो लोगों को छोड़ दें तो ज्यादा लड़ाई नहीं लड़ी गई है।'

आगे उन्होंने कहा था, 'ज्यादातर तो यहां सेटलमेंट (समझौते) ही हुए हैं, एडजस्टमेंट ही हुए हैं, जब मुगलों की सेना आती थी ना तो युद्धस्थल से 70 किलोमीटर पहले चले जाते थे, कहते थे यहां मत आना, बेटी लेकर वहीं आ रहे हैं, वहीं रूक जाओ, बच्ची देने आ रहे हैं, दे देते थे, संबंध स्थापित किए, राज के मजे लिए। बहुत से किस्से हैं राजस्थान के। पढ़ो ना इतिहास। राजस्थान के इतिहास में कब झगड़े हुए, महाभारत यहां थोड़ी ना हुआ था, महाभारत की जो कथा है वो तो हरियाणा में हुई थी।'

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