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बेटी लेकर पहुंच जाते थे; हनुमान बेनीवाल के बयान पर भड़की करणी सेना, कहा- तारीख, जगह और समय बताएंगे

हनुमान बेनीवाल ने कहा, ‘राजस्थान के इतिहास में ज्यादा लड़ाइयां नहीं लड़ी गईं, महाराज सूरजमल जैसे एक-दो लोगों का ही नाम होगा लड़ने वालों में, इसके अलावा मुझे नहीं लगता राजस्थान के लोगों ने कोई लड़ाई लड़ी है।’

Sourabh Jain लाइव हिन्दुस्तान, नागौर, राजस्थानSun, 18 May 2025 05:00 AM
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बेटी लेकर पहुंच जाते थे; हनुमान बेनीवाल के बयान पर भड़की करणी सेना, कहा- तारीख, जगह और समय बताएंगे

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी सुप्रीमो व राजस्थान की नागौर लोकसभा सीट से सांसद हनुमान बेनीवाल के दिए एक बयान को लेकर करणी सेना भड़क गई है। जिसके बाद नाराज करणी सेना ने सांसद को आक्रामक जवाब देने की धमकी देते हुए इसके लिए करणी सैनिकों को तैयार रहने के लिए कहा है। दरअसल बेनीवाल ने हाल ही में मीडिया से बात करते हुए राजस्थान के राजा-रजवाड़ों को लेकर कुछ आपत्तिजनक बातें कही थीं। उन्होंने कहा था कि एक-दो राजाओं को छोड़कर राजस्थान के किसी राजा ने मुगलों से लड़ाई नहीं लड़ी, बल्कि वे तो युद्ध क्षेत्र से 70 किलोमीटर पहले ही अपनी बेटी लेकर पहुंच जाते थे और उनके सामने पेश कर देते थे। इसी बयान को लेकर करणी सेना भड़क गई है।

बेनीवाल के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए क्षत्रिय करणी सेना के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राज शेखावत ने कहा, 'हमारे पूर्वजों एवं क्षत्राणियों पर एकबार फिर अभद्र टिप्पणी की गई है, और वह भी जननायक द्वारा। राजस्थान के सांसद हनुमान बेनीवाल द्वारा यह अभद्र टिप्पणी की गई है, शीघ्र ही घोषणा की जाएगी इसका मुंहतोड़ जवाब देने के लिए। सभी करणी सैनिक तैयार रहें, जय क्षात्र धर्म।' इससे पहले अपने जवाब की शुरुआत उन्होंने जय क्षात्र धर्म, वीर भोग्या वसुंधरा और धर्मो रक्षति रक्षितः जैसे वाक्यों के साथ की।

इस बारे में वीडियो जारी करते हुए राज शेखावत ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'जल्द ही राजस्थान सांसद हनुमान बेनीवाल को आक्रामक जवाब दिया जाएगा। तारीख, समय और स्थल घोषित किया जाएगा। सभी करणी सैनिक तैयार रहें। जय क्षात्र धर्म।'

राजे-रजवाड़ों पर क्या बोले हनुमान बेनीवाल

एक मीडिया हाऊस से बात करते हुए नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा था, ‘राजस्थान के इतिहास में ज्यादा लड़ाइयां नहीं लड़ी गईं, एक-दो लोगों का ही नाम होगा लड़ने वालों में, इसके अलावा मुझे नहीं लगता राजस्थान के लोगों ने कोई लड़ाई लड़ी है, महाराज सूरजमल को छोड़ दें या एक-दो लोगों को छोड़ दें तो ज्यादा लड़ाइयां नहीं लड़ी गईं है।’

आगे उन्होंने कहा, 'ज्यादातर तो यहां सेटलमेंट (समझौते) ही हुए हैं, एडजस्टमेंट ही हुए हैं, जब मुगलों की सेना आती थी ना तो 70 किलोमीटर पहले चले जाते थे, कहते थे यहां मत आना, बेटी लेकर वहीं आ रहे हैं, वहीं रूक जाओ, बच्ची देने आ रहे हैं, दे देते थे, संबंध स्थापित किए, राज के मजे लिए। बहुत से किस्से हैं राजस्थान के। पढ़ो ना इतिहास। राजस्थान के इतिहास में कब झगड़े हुए, महाभारत यहां थोड़ी ना हुआ था, महाभारत की जो कथा है वो तो हरियाणा में हुई थी।'

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