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मुझे बदनाम करने से गहलोत का काम बनता है तो उनपर एक अहसान और सही - मंत्री शेखावत

राजस्थान की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तीखा हमला बोलते हुए उन पर राजनीतिक स्वार्थ और पुत्र मोह के चलते झूठे आरोपों की साजिश रचने का आरोप लगाया।

Sachin Sharma लाइव हिन्दुस्तानFri, 27 June 2025 07:44 PM
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मुझे बदनाम करने से गहलोत का काम बनता है तो उनपर एक अहसान और सही - मंत्री शेखावत

राजस्थान की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तीखा हमला बोलते हुए उन पर राजनीतिक स्वार्थ और पुत्र मोह के चलते झूठे आरोपों की साजिश रचने का आरोप लगाया। शेखावत ने तल्ख अंदाज़ में कहा, "मुझे बदनाम करने से तुम्हारा काम बनता है, तो चलो एक अहसान और सही।" यह बयान न केवल व्यक्तिगत चोट का जवाब था, बल्कि कांग्रेस के अंदरूनी समीकरणों पर भी बड़ा संकेत बनकर उभरा।

दरअसल, मामला संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले से जुड़ा है, जिसमें अशोक गहलोत ने समय-समय पर शेखावत का नाम उछाला था। अब जब उच्च न्यायालय ने शेखावत को दोषमुक्त घोषित कर दिया है, तो उन्होंने सीधे गहलोत पर हमला बोला है। शेखावत ने कहा कि “गहलोत जी जानते थे कि मैं निर्दोष हूं, फिर भी उन्होंने अपने बेटे का राजनीतिक करियर चमकाने के लिए मुझे फंसाने की हरसंभव कोशिश की।”

शेखावत यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि जोधपुरवासियों का मुझ पर जो स्नेह है, वह गहलोत को हमेशा खटकता रहा है। उनका इशारा साफ था कि गहलोत का गढ़ माने जाने वाले जोधपुर में अब उनकी पकड़ कमजोर हो रही है। शेखावत ने कहा, “आज गहलोत जी की राजनीति पर खुद उनके ही शहर में प्रश्नचिह्न खड़ा हो गया है, और इसका कारण मेरा परिश्रम और जनता का मुझ पर विश्वास है।”

गहलोत द्वारा संजीवनी प्रकरण को उछालने पर शेखावत ने कहा कि “यदि गहलोत जी ने मुख्यमंत्री रहते हुए इस घोटाले के पीड़ितों को राहत देने का प्रयास किया होता, तो शायद हजारों परिवारों का भला हो सकता था। लेकिन उन्होंने पीड़ितों की पीड़ा का इस्तेमाल सिर्फ मेरे खिलाफ राजनीतिक हथियार के रूप में किया।”

शेखावत का सबसे करारा तंज कांग्रेस के भीतर गहलोत की स्थिति पर था। उन्होंने कहा, "भाजपा की प्रचंड जीत के बाद यदि मेरे नाम की माला जलाने से गहलोत जी अपनी पार्टी में प्रासंगिक बन सकते हैं, तो मैं इसे भी अपना एक और अहसान ही मानूंगा।" इस बयान से शेखावत ने कांग्रेस के अंदर चल रहे गहलोत-पायलट खेमे के संघर्ष को भी हवा दे दी है।

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो शेखावत का यह तीखा जवाब न केवल व्यक्तिगत छवि बचाने की कोशिश है, बल्कि राजस्थान में भाजपा की बढ़ती ताकत को रेखांकित करने का भी प्रयास है। 2028 के विधानसभा चुनावों की दृष्टि से यह बयानबाजी राजस्थान की सियासत का माहौल गरमा सकती है।

फिलहाल, गहलोत की ओर से इस पलटवार का कोई आधिकारिक जवाब नहीं आया है, लेकिन सियासी गलियारों में यह बयान एक नई राजनीतिक जंग की दस्तक के तौर पर देखा जा रहा है।

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