बैग खोल निकाला सांप और मरीज बोला- इसी ने काटा है डॉक्टर साहब, राजस्थान के अस्पताल में गजब
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राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ एंड साइंसेज (RUHS) के हॉस्पिटल में कुछ दिन पहले ऐसा वाकया हुआ, जिसने न सिर्फ डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ को सकते में डाल दिया, बल्कि सोशल मीडिया पर भी हलचल मचा दी। बात सिर्फ एक मरीज के सांप काटने की नहीं थी—बल्कि उस सांप के साथ अस्पताल पहुंचने की थी, जिसने उसे काटा था!
प्रतापनगर इलाके के रहने वाले एक युवक को बीते सप्ताह एक सांप ने काट लिया। मगर जो हुआ, वह शायद ही किसी ने पहले सुना हो। वह युवक घबराया नहीं—बल्कि उसने हिम्मत दिखाई और उस सांप को पकड़कर एक बैग में डाल दिया। फिर, सीधे पहुंच गया RUHS हॉस्पिटल की इमरजेंसी में। मरीज के हाथ में था एक साधारण सा बैग… लेकिन उस बैग में छुपा था एक ऐसा जीव, जिससे अस्पताल का स्टाफ थर्रा उठा।
“सांप ने काटा है, और ये रहा वही सांप”
डॉक्टरों को जैसे ही मरीज ने बताया कि उसे सांप ने काटा है, वे सामान्य जांच प्रक्रिया में जुट गए। लेकिन अगले ही पल मरीज ने कहा—"सांप यहीं है, मैं उसे बैग में लेकर आया हूं।" इतना सुनते ही डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की आंखें खुली की खुली रह गईं। इमरजेंसी वार्ड में सन्नाटा सा छा गया।
मरीज तुरंत पोर्च की ओर ले जाया गया, जहां उसने अपना बैग खोला और सांप को बाहर निकालकर सबको दिखाया। कुछ मरीज डर के मारे पीछे हट गए, तो कुछ माजरा समझने में लगे रहे। स्टाफ ने तुरंत सुरक्षा की दृष्टि से मरीज और उसके साथ लाए व्यक्ति को बाहर किया और सांप सहित बैग को परिसर से दूर छुड़वाया।
इलाज हुआ, चेतावनी भी मिली
मरीज को तत्काल भर्ती कर लिया गया। दो दिन तक विष विरोधी उपचार चला और तीसरे दिन उसे छुट्टी दे दी गई। अगले दिन जब वरिष्ठ चिकित्सक वार्ड राउंड पर आए और उन्हें घटना की जानकारी दी गई, तो उन्होंने मरीज को फटकारते हुए समझाया कि अस्पताल में इस तरह ज़हरीले जीव को लाना खतरनाक और गैर-जिम्मेदाराना हरकत है। डॉक्टरों ने दो टूक कहा कि मरीजों के इलाज के लिए अस्पताल में प्रशिक्षित स्टाफ और पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं, किसी को भी इस तरह की ‘सांप साथ लाओ’ नीति अपनाने की आवश्यकता नहीं।
प्रशासन भी हुआ सतर्क
वीडियो वायरल होने के बाद RUHS प्रशासन ने भी घटना की पुष्टि की और कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए कर्मचारियों को विशेष निर्देश दिए जाएंगे। सांप की प्रजाति को लेकर भी जाँच की जा रही है, हालांकि मरीज की हालत अब सामान्य है।
सवाल कई हैं, जवाब कम
यह घटना अपने आप में न केवल हैरान कर देने वाली है, बल्कि अस्पताल व्यवस्था, आमजन की समझ और सोशल मीडिया ट्रेंड्स—तीनों पर कई सवाल भी खड़े करती है। मरीज का उद्देश्य भले ही यह रहा हो कि डॉक्टर सही एंटीवेनम दे सकें, मगर क्या यह तरीका सुरक्षित था?
RUHS में हुए इस ‘सांप ड्रामा’ ने एक बार फिर बता दिया है—राजस्थान में सिर्फ राजनीति ही नहीं, ज़िंदगी की हकीकत भी किसी थ्रिलर फिल्म से कम नहीं होती!
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