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सभी ऑफिसों में महिलाओं की संख्या अधिक हो जाएगी,तो हमारा क्या होगा ? - राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े

राजस्थान के कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह गुरुवार को तब हल्का-फुल्का और हंसी-ठिठोली से भर गया जब राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को लेकर एक किस्से के माध्यम से व्यंग्य किया।

Sachin Sharma लाइव हिन्दुस्तानThu, 19 June 2025 09:53 PM
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सभी ऑफिसों में महिलाओं की संख्या अधिक हो जाएगी,तो हमारा क्या होगा ? - राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े

राजस्थान के कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह गुरुवार को तब हल्का-फुल्का और हंसी-ठिठोली से भर गया जब राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को लेकर एक किस्से के माध्यम से व्यंग्य किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से छात्राएं और महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, आने वाले समय में सभी ऑफिसों में महिलाओं की संख्या अधिक हो जाएगी। फिर मुस्कराते हुए बोले—"तो हमारा क्या होगा?"

राज्यपाल कोटा के कृषि विश्वविद्यालय के 8वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने छात्र-छात्राओं को डिग्री और पदक मिलने पर बधाई देते हुए कहा, “यह अत्यंत प्रसन्नता का विषय है कि कुल 343 डिग्रीधारकों में से 140 छात्राएं हैं और 14 स्वर्ण पदकों में से 9 पर बेटियों ने कब्जा जमाया है। यहां तक कि कुलाधिपति और कुलगुरु पदक भी हमारी बेटियों ने जीते हैं। यह साबित करता है कि महिलाएं अब किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं।”

राज्यपाल ने इसी संदर्भ में एक दिलचस्प किस्सा भी सुनाया। उन्होंने कहा, “एक बार मैं एक प्राथमिक स्कूल में गया। वह स्कूल 5वीं तक था और वहां सभी स्टाफ महिलाएं थीं। सिर्फ एक पुरुष कर्मचारी था, जो सफाई का काम करता था। एक दिन वहां सांप निकल आया। स्कूल में हड़कंप मच गया। सभी महिलाएं चिल्लाने लगीं—‘पुरुष को बुलाओ, पुरुष को बुलाओ।’ लेकिन मजेदार बात यह रही कि वह एकमात्र पुरुष कर्मचारी भी यही चिल्ला रहा था—‘पुरुष को बुलाओ, पुरुष को बुलाओ।’” इस घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि “मैं विनती करता हूं कि ऐसी स्थिति फिर कभी न आए।”

उन्होंने कहा कि जब वे 18-20 वर्ष के थे, तब सरकारी दफ्तरों में केवल पुरुष ही नजर आते थे। “लेकिन अब माहौल पूरी तरह से बदल गया है। आज दफ्तरों में महिलाएं और पुरुष बराबरी में हैं। और जिस रफ्तार से छात्राएं आगे बढ़ रही हैं, ऐसा लगता है कि आने वाले वर्षों में महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक हो जाएगी। ऐसे में हम पुरुषों को सोचना पड़ेगा—कि हमारा क्या होगा?” यह कहते ही पूरा सभागार ठहाकों से गूंज उठा।

राज्यपाल ने महिला सशक्तिकरण की इस यात्रा को सकारात्मक बदलाव बताते हुए कहा कि यह देश और समाज के लिए शुभ संकेत है। उन्होंने छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे इसी तरह आत्मविश्वास और मेहनत के साथ आगे बढ़ती रहें।

कार्यक्रम के अंत में राज्यपाल ने विश्वविद्यालय प्रशासन और शिक्षकों की सराहना करते हुए कहा कि वे शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं। उन्होंने युवा पीढ़ी को कृषि, विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में और अधिक समर्पण के साथ कार्य करने का आह्वान किया।

समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति, फैकल्टी सदस्य, विद्यार्थी और उनके अभिभावक मौजूद रहे। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

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