विधायक महंत प्रताप पुरी पर टिप्पणी से भड़का मामला,पोकरण में हाई वोल्टेज ड्रामा
राजस्थान के जैसलमेर जिले के पोकरण कस्बे में रविवार रात एक बड़ी घटना हुई, जिसने प्रशासन और पुलिस महकमे को हिला कर रख दिया। मामला एक फेसबुक पोस्ट से शुरू हुआ, लेकिन कुछ ही घंटों में यह विवाद हिंसा और गिरफ्तारी में तब्दील हो गया।

राजस्थान के जैसलमेर जिले के पोकरण कस्बे में रविवार रात एक बड़ी घटना हुई, जिसने प्रशासन और पुलिस महकमे को हिला कर रख दिया। मामला एक फेसबुक पोस्ट से शुरू हुआ, लेकिन कुछ ही घंटों में यह विवाद हिंसा और गिरफ्तारी में तब्दील हो गया। योग दिवस पर पोकरण विधायक की तस्वीर पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी ने तनाव का बीज बोया और रात ढलते-ढलते थाने पर पथराव और भारी बवाल का कारण बन गई। पुलिस ने इस मामले में ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए अब तक कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक वकील भी शामिल है।
विधायक की पोस्ट बनी आग की चिंगारी
22 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर पोकरण विधायक की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं। ये तस्वीरें योग कार्यक्रम से जुड़ी थीं, लेकिन इन्हीं तस्वीरों पर कुछ असामाजिक तत्वों ने फेसबुक और व्हाट्सएप ग्रुप्स पर अभद्र टिप्पणियां कीं। विधायक कार्यालय ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि इन टिप्पणियों से न केवल विधायक की छवि को नुकसान पहुंचा, बल्कि उनके समर्थकों की धार्मिक भावनाएं भी आहत हुईं।
गिरफ्तारी के बाद भड़की भीड़
रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले युवक रफीक खान पुत्र समरू खां, निवासी गोमट को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन यहीं से माहौल तनावपूर्ण हो गया। रफीक की गिरफ्तारी की भनक लगते ही रविवार देर रात लगभग 10:24 बजे स्थानीय एडवोकेट फिरोज खान शराब के नशे में थाने पहुंचा और वहां की तस्वीरें खींचकर गोमट के व्हाट्सएप ग्रुप में भेज दीं। इसके साथ ही उसने लोगों से अपील की कि वे थाने का घेराव करें और रफीक को छुड़वाने पहुंचें।
जब थाने के बाहर जुटी भीड़
फिरोज खान के बुलावे पर करीब 50-60 लोग पोकरण थाने के बाहर जमा हो गए। भीड़ उत्तेजित थी और लगातार पुलिस से रफीक को रिहा करने की मांग कर रही थी। पुलिस ने स्थिति को भांपते हुए पहले समझाइश का प्रयास किया, लेकिन नशे में धुत फिरोज खान ने भीड़ को भड़काना शुरू कर दिया। उसने लोगों से कहा कि वे जबरन थाने में घुसकर रफीक को छुड़ा लें। तभी भीड़ ने अचानक थाने पर पथराव शुरू कर दिया। कुछ लोग गेट में घुसने की कोशिश करने लगे।
पुलिस की सख्ती, भीड़ को किया तितर-बितर
हालात बिगड़ते देख पुलिस ने मोर्चा संभाला और हल्का बल प्रयोग करते हुए भीड़ को तितर-बितर किया। इस दौरान कई लोगों को मौके पर ही पकड़ लिया गया। पुलिस ने उपद्रवियों पर सरकारी कार्य में बाधा डालने, शांति भंग करने और पुलिस पर हमला करने के आरोप में मामला दर्ज किया।
अब तक 13 गिरफ्तारी, छापेमारी जारी
एसपी जसाराम बोस ने बताया कि अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें मुख्य आरोपी रफीक खान के अलावा वकील फिरोज खान, उमरदीन, सलीम खान, मोहम्मद खान, कायमदीन और इलियास खान शामिल हैं। वहीं शांति भंग के आरोप में इस्माईल खान, फजलदीन, नाजिम, मोइनुद्दीन, सिकंदर शाह और नासिर अहमद को भी गिरफ्तार किया गया है।
सरपंच पति की भूमिका पर भी सवाल
पुलिस की जांच में सामने आया है कि स्थानीय सरपंच के पति फिरोज खान ने भी लोगों को गुमराह कर थाने के बाहर भीड़ इकट्ठा करने में अहम भूमिका निभाई। इस वजह से उसके खिलाफ भी सरकारी काम में बाधा डालने और भीड़ को उकसाने का मामला दर्ज किया गया है।
और गिरफ्तारियां संभव
पुलिस के मुताबिक, सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल रिकॉर्ड्स के आधार पर अन्य उपद्रवियों की पहचान कर ली गई है। उन्हें पकड़ने के लिए विशेष टीमें बनाई गई हैं और तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है।
क्या यह सिर्फ एक पोस्ट का विवाद था?
घटना की गंभीरता और रातोंरात उपजी हिंसा से यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या यह केवल एक सोशल मीडिया पोस्ट का मामला था, या इसके पीछे कोई साजिश थी? फिलहाल पुलिस इस बिंदु पर भी जांच कर रही है कि आखिर इतने कम समय में भीड़ कैसे जुटी, और इसमें किन-किन लोगों की भूमिका रही।
फिलहाल पोकरण कस्बे में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है। प्रशासन पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है और किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए मुस्तैद है।
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