लुटेरी गैंग जैसे हथकंडे अपना रही BAP – उदयपुर सांसद मन्ना लाल रावत का बड़ा आरोप
भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के सांसद राजकुमार रोत के हालिया बयानों पर सियासी घमासान तेज हो गया है। उदयपुर से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद मन्ना लाल रावत ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तीखा पलटवार किया।

भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के सांसद राजकुमार रोत के हालिया बयानों पर सियासी घमासान तेज हो गया है। उदयपुर से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद मन्ना लाल रावत ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तीखा पलटवार किया। उन्होंने न केवल राजकुमार रोत बल्कि पूरी BAP पार्टी को “हिंदू विरोधी” और “देशविरोधी सोच” से संचालित एक "लुटेरी गैंग" करार दिया।
रावत ने प्रेस से बातचीत में कहा कि, “BAP और उसके नेता लगातार ऐसी भाषा और बयानों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो देश की एकता और अखंडता के खिलाफ हैं। राजकुमार रोत और उनकी पार्टी एक संगठित गिरोह की तरह काम कर रही है, जिसकी सोच हमेशा से हिंदू विरोधी रही है।” उन्होंने आरोप लगाया कि BAP की विचारधारा राष्ट्रहित के खिलाफ है और इसकी गंभीरता से जांच होनी चाहिए।
‘उदयपुर को बांग्लादेश बनाने’ जैसे बयान गंभीर चिंता
BJP सांसद मन्ना लाल रावत ने यह भी आरोप लगाया कि BAP के नेता अक्सर “उदयपुर को बांग्लादेश बनाने” जैसे बयान देते हैं, जो सीधे तौर पर राष्ट्रविरोधी मानसिकता को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की टिप्पणियां समाज में अलगाववाद को बढ़ावा देती हैं और देश की अखंडता को चुनौती देती हैं।
रावत ने इस मुद्दे पर केंद्र और राज्य सरकारों से आग्रह किया कि BAP नेताओं की गतिविधियों की जांच राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिए से की जाए। उन्होंने कहा, “इन लोगों की मंशा पर सवाल उठाना जरूरी है। हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले में भी इनके लिंक की जांच होनी चाहिए।”
रोत का सरकार पर हमला—‘TSP एरिया में दखल असंवैधानिक’
दूसरी ओर, शुक्रवार को भारत आदिवासी पार्टी ने उदयपुर विकास प्राधिकरण के दायरे को बढ़ाए जाने के खिलाफ जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में डूंगरपुर-बांसवाड़ा से सांसद राजकुमार रोत भी शामिल हुए। उन्होंने आरोप लगाया कि 70 गांवों को UDA (उदयपुर विकास प्राधिकरण) की पेराफेरी में शामिल करना पूरी तरह असंवैधानिक है, क्योंकि ये गांव ट्राइबल सब प्लान (TSP) क्षेत्र के तहत आते हैं।
राजकुमार रोत ने सरकार पर सीधा हमला करते हुए कहा, “आदिवासी क्षेत्रों की स्वायत्तता और अधिकारों में दखल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार TSP कानून की अनदेखी कर रही है और आदिवासी जनता के अधिकारों का हनन कर रही है।”
SI भर्ती और ACB कार्रवाई पर भी साधा निशाना
सांसद रोत ने SI भर्ती घोटाले पर मुख्यमंत्री की चुप्पी को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि, “राज्य में पुलिस भर्ती घोटाला सामने आया है, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से अब तक कोई स्पष्ट बयान या कार्रवाई नहीं आई है। उन्हें खुद सामने आकर जनता को जवाब देना चाहिए।”
इसके अलावा उन्होंने अपनी ही पार्टी के विधायक जयकृष्ण पटेल की गिरफ्तारी को भी राजनीतिक षडयंत्र करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि ACB द्वारा की गई कार्रवाई सत्ता पक्ष के इशारे पर हुई है। “यह सरकार आदिवासी जनप्रतिनिधियों को दबाने का प्रयास कर रही है,” उन्होंने कहा।
राजनीतिक टकराव और आदिवासी मुद्दों पर सियासत तेज
BJP और BAP के बीच यह टकराव ऐसे समय पर सामने आया है जब राज्य में आदिवासी मुद्दों को लेकर राजनीति गर्माई हुई है। BAP जहां आदिवासी अधिकारों और सरकार की कथित उपेक्षा को लेकर लगातार मुखर है, वहीं BJP अब BAP पर राष्ट्रविरोधी और सांप्रदायिक एजेंडा फैलाने का आरोप लगा रही है।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या आदिवासी राजनीति के नाम पर कुछ ताकतें समाज को बांटने की दिशा में काम कर रही हैं, या यह वंचित वर्ग की वास्तविक आवाज है जिसे दबाया जा रहा है।
जांच और आरोप-प्रत्यारोप के इस दौर में अब देखना होगा कि राज्य सरकार और सुरक्षा एजेंसियां इन गंभीर आरोपों को लेकर क्या रुख अपनाती हैं।
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