किरोड़ीलाल मीणा का तंज...सचिन पायलट को शर्म आनी चाहिए... आखिर दर्द क्यों होता है उन्हें?
राजस्थान की सियासत में एक बार फिर कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा अपने एक्शन मोड में नजर आए। बीकानेर में फर्टिलाइजर और बीज से जुड़ी कई फैक्ट्रियों पर अचानक छापेमारी कर उन्होंने हड़कंप मचा दिया।

राजस्थान की सियासत में एक बार फिर कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा अपने एक्शन मोड में नजर आए। बीकानेर में फर्टिलाइजर और बीज से जुड़ी कई फैक्ट्रियों पर अचानक छापेमारी कर उन्होंने हड़कंप मचा दिया। इस कार्रवाई में घटिया और नकली खाद बनाने की शिकायतों की पुष्टि हुई, जिसके बाद मीणा ने कहा कि “ऐसे तत्वों को बिल्कुल बख्शा नहीं जाएगा।” कार्रवाई के तुरंत बाद उन्होंने 11 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया और चेतावनी दी कि “अब जो भी गड़बड़ी करेगा, नौकरी से हाथ धो बैठेगा।”
गोदारा एग्रो पर सीधा वार, FIR की तैयारी
मीणा की टीम ने सबसे पहले बीकानेर की चर्चित गोदारा एग्रो यूनिट पर कार्रवाई की। जांच के दौरान वहां घटिया और नकली खाद के सैंपल मिले। मंत्री ने मौके से ही कहा कि अब नकली खाद बनाने वालों के खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी और सख्त सजा दी जाएगी।
“ये किसानों की ज़िंदगी और फसल से खिलवाड़ है। सरकार की तरफ से सख्त चेतावनी है—ऐसी कंपनियों को अब राजस्थान में जगह नहीं मिलेगी,” मंत्री ने कहा।
'ज़ीरो टॉलरेंस' का ऐलान, सिस्टम में हड़कंप
कृषि मंत्री ने कहा कि इस तरह की धांधलियों को लेकर सरकार की नीति पूरी तरह ज़ीरो टॉलरेंस पर आधारित है। छापेमारी के दौरान मंत्री ने अफसरों को भी आड़े हाथ लिया और साफ कहा कि “सरकार अब ढील देने के मूड में नहीं है। विभागीय अफसरों की मिलीभगत से ही किसानों को घटिया खाद और बीज मिलते हैं, ये अब बर्दाश्त नहीं होगा।”
सचिन पायलट पर तीखा हमला, पूछा- ‘उन्हें दर्द क्यों हो रहा है?’
इस कार्रवाई के बाद मंत्री मीणा ने कांग्रेस नेता सचिन पायलट पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने पायलट के उस बयान का जवाब दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार के मंत्री ही छापे मार रहे हैं, तो वे किसको एक्सपोज कर रहे हैं—बजरी चोरों को या खुद के साथ काम करने वालों को?
मीणा ने पलटवार करते हुए कहा, “सचिन पायलट को शर्म आनी चाहिए। वो खुद को किसान का बेटा बताते हैं, फिर किसानों के हक में की जा रही कार्रवाई पर सवाल क्यों उठा रहे हैं? जब हम गड़बड़ियां पकड़ रहे हैं, तो उनको दर्द क्यों हो रहा है?”
‘एसी में बैठकर आंदोलन नहीं होते’
किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि किसानों की भलाई के लिए जो लड़ाई लड़ी जा रही है, उसमें जमीन पर उतरना जरूरी है। उन्होंने तंज कसा, “सचिन पायलट एसी कमरों में बैठकर किसानों की राजनीति करते हैं। कभी सड़क पर आकर किसानों के हक में आंदोलन क्यों नहीं करते?”
फील्ड में मंत्री, दफ्तर में अफसर बेचैन
मीणा के अचानक बीकानेर पहुंचने और सीधे गोदामों में कार्रवाई करने के तरीके ने विभाग के कई अफसरों को बेचैन कर दिया है। अंदरूनी सूत्रों की मानें तो यह पहली बार नहीं है जब मंत्री खुद फील्ड में पहुंचे हों। इससे पहले भी कई जिलों में खुद जाकर उन्होंने छापेमारी की थी। इस बार भी उनकी मौजूदगी की खबर मिलते ही अफसरों और संबंधित कंपनियों में हड़कंप मच गया।
राजनीतिक तापमान बढ़ा
मीणा बनाम पायलट की इस जुबानी जंग ने एक बार फिर राजस्थान की सियासत में गर्मी ला दी है। एक तरफ मंत्री लगातार छापेमारी और कार्रवाई से सरकार की "प्रो-फार्मर" छवि दिखाना चाहते हैं, तो दूसरी ओर विपक्ष इसे "राजनीतिक ड्रामा" बता रहा है।
लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि नकली खाद और बीज का कारोबार किसानों की सबसे बड़ी परेशानी है। अगर मीणा की यह मुहिम वाकई गंभीर है, तो राजस्थान की सियासत में यह एक नया मोड़ भी साबित हो सकता है।
अब निगाहें अगली कार्रवाई पर टिकी हैं…
क्या अगला निशाना अफसरशाही होगी या बड़ी कंपनियां?
क्या पायलट इस बयानबाज़ी के जवाब में और तीखा हमला करेंगे?
और सबसे बड़ा सवाल—क्या किसानों को इससे वाकई राहत मिलेगी?
फिलहाल, किरोड़ीलाल मीणा ने ये तो साफ कर दिया है—“अब कोई भी हो, बख्शा नहीं जाएगा।”
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