जिंदगी देने वाला अस्पताल बना मौत का अड्डा: भरतपुर में मजदूर की करंट लगने से मौत
भरतपुर के प्रतिष्ठित जिंदल अस्पताल में उस वक्त हड़कंप मच गया जब अस्पताल में काम कर रहे एक कर्मचारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक की पहचान रोशन (उम्र लगभग 35 वर्ष) के रूप में हुई है,

भरतपुर के प्रतिष्ठित जिंदल अस्पताल में उस वक्त हड़कंप मच गया जब अस्पताल में काम कर रहे एक कर्मचारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक की पहचान रोशन (उम्र लगभग 35 वर्ष) के रूप में हुई है, जो पिछले पांच वर्षों से अस्पताल में मजदूरी का काम कर रहा था। बताया जा रहा है कि उसे काम के दौरान करंट लगा, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हादसे की खबर मिलते ही परिजन मौके पर पहुंचे और अस्पताल में जमकर हंगामा किया।
परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से यह घटना हुई है। मृतक की पत्नी फूलवती ने बताया कि आज दोपहर अस्पताल से फोन आया था कि रोशन को करंट लगा है, स्थिति गंभीर है। वह तत्काल अपने ससुराल पक्ष के अन्य लोगों के साथ अस्पताल पहुंचीं, लेकिन वहां पहुंचने पर उन्हें बताया गया कि रोशन की मौत हो चुकी है। यह सुनते ही फूलवती और अन्य परिजन बिलख पड़े। कुछ ही देर में कॉलोनी के लोग भी वहां जमा हो गए और अस्पताल परिसर में आक्रोश फैल गया।
मृतक रोशन अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था और आठ बहनों में अकेला भाई। परिजनों ने बताया कि उसकी छह बहनों की शादी हो चुकी है, जबकि दो की अभी शादी होनी है। उसके तीन छोटे बच्चे हैं — दो बेटे और एक बेटी। परिजनों का कहना है कि रोशन की कमाई ही पूरे परिवार का सहारा थी, और अब उसके निधन के बाद उनके सामने गंभीर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
घटना की जानकारी मिलने पर कोतवाली थाना अधिकारी विनोद मीणा मय जाप्ता मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभालने की कोशिश की। पुलिस की मौजूदगी में अस्पताल प्रशासन और मृतक के परिजनों के बीच मुआवजे को लेकर बातचीत चल रही है। हालांकि अब तक किसी प्रकार की आधिकारिक मुआवजा राशि की घोषणा नहीं की गई है।
थाना अधिकारी विनोद मीणा ने बताया कि मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और पूरे मामले की जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में करंट लगने की बात सामने आ रही है, लेकिन तकनीकी जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि यह दुर्घटना थी या अस्पताल की लापरवाही।
वहीं, मृतक की पत्नी फूलवती का कहना है कि रोजाना अस्पताल में मजदूरी करने वाला उसका पति किसी भी खतरे को लेकर कभी नहीं घबराया था, लेकिन आज सुबह बिना किसी पूर्व सूचना के उसकी मौत की खबर आना उन्हें गहरे सदमे में डाल गया है।
स्थानीय निवासियों और समाज के लोगों ने भी अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश जताते हुए निष्पक्ष जांच और मृतक के परिवार को उचित मुआवजा देने की मांग की है। अस्पताल प्रबंधन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
फिलहाल, पुलिस और प्रशासन दोनों ही स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और परिजनों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि माहौल शांत रहे। मामले की गंभीरता को देखते हुए अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस दुखद हादसे में पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए क्या कदम उठाता है।
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