ऑनलाइन गेमिंग में दोस्ती, फिर AI से बनाया छात्रा का पिता के साथ अश्लील वीडियो; जयपुर में पीड़िता,मां को गैंगरेप की धमकी
जयपुर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का एक खौफनाक चेहरा सामने आया है। एक 10वीं की छात्रा के इंस्टाग्राम फोटो को हथियार बनाकर, उसका और उसके पिता का फर्जी अश्लील वीडियो तैयार किया गया।

जयपुर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का एक खौफनाक चेहरा सामने आया है। एक 10वीं की छात्रा के इंस्टाग्राम फोटो को हथियार बनाकर, उसका और उसके पिता का फर्जी अश्लील वीडियो तैयार किया गया। वीडियो को सोशल मीडिया पर फैलाया गया और लड़की को धमकी दी गई कि अगर वो ‘कहना नहीं मानेगी’ तो और भी वीडियो जारी होंगे।
ये कोई पेशेवर गिरोह नहीं था—बल्कि एक स्कूल का छात्र और एक कॉलेज स्टूडेंट थे, जो दो-दो सिम से फर्जी अकाउंट चलाकर मासूम बच्ची को ब्लैकमेल कर रहे थे। जब बात हद से आगे बढ़ी तो मां ने रिपोर्ट दर्ज करवाई। दोनों आरोपी अब पुलिस गिरफ्त में हैं।
शुरुआत गेमिंग से, मंज़िल ब्लैकमेलिंग तक
जयपुर के पॉश इलाके मानसरोवर की रहने वाली छात्रा की ऑनलाइन गेमिंग के दौरान दो लड़कों से पहचान हुई। बातचीत वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम पर आगे बढ़ी। फिर एक दिन लाइव चैट में बहस हो गई। छात्रा ने एक लड़की का पक्ष ले लिया, तो लड़कों को बुरा लग गया।
यहीं से बदले की मानसिकता ने जन्म लिया।
धमकियों की शुरुआत: अश्लील मैसेज और फोटो की मांग
16 अप्रैल को छात्रा के पास अश्लील मैसेज आने लगे। उसमें कहा गया कि अगर उसने आपत्तिजनक फोटो और वीडियो नहीं भेजे, तो गंभीर अंजाम भुगतने होंगे। बात यहीं नहीं रुकी—छात्रा की मां को भी रेप की धमकी मिलने लगी।
छात्रा डिप्रेशन में चली गई। स्कूल और कोचिंग छोड़ दी। जब मां ने मोबाइल चेक किया, तो सारे चैट और धमकियां सामने आ गईं।
AI से बना अश्लील वीडियो, लगाया गया रेप का झूठा आरोप
आरोपियों ने इंस्टाग्राम से लड़की की तस्वीरें चुराईं और AI की मदद से उसके पिता के साथ अश्लील वीडियो तैयार कर दिया। फिर उसे इंस्टाग्राम पर पोस्ट करते हुए लिखा—
“इस आदमी ने इस लड़की के साथ रेप किया है।”
यह एक सुनियोजित डिजिटल हमला था। लक्ष्य सिर्फ मानसिक यातना देना नहीं, बल्कि सार्वजनिक तौर पर बदनाम करना भी था।
फर्जी आईडी और दो-दो सिम: एक के बाद एक ब्लैकमेल
छात्रा ने इंस्टा आईडी ब्लॉक की, लेकिन आरोपी बार-बार नए अकाउंट बनाते गए। पुलिस जांच में सामने आया कि ये लड़के दो-दो सिम इस्तेमाल कर अलग-अलग फर्जी इंस्टाग्राम आईडी से लड़की को परेशान कर रहे थे।
जांच का दायरा बढ़ा, दिल्ली-पंजाब-गुजरात तक फैले सुराग
शिप्रापथ थाना पुलिस ने मेटा से डेटा लेकर चार अकाउंट्स की लोकेशन ट्रैक की— दिल्ली, पंजाब और गुजरात में ऐक्टिव थे। इसके बाद साइबर सेल ने मोबाइल नंबर और आईपी डिटेल्स निकाले।
गुजरात से गिरफ्तार हुआ नाबालिग, साथी भी चढ़ा हत्थे
एक टीम जालोर पहुंची, जहां से जानकारी मिली कि मुख्य आरोपी का परिवार गुजरात के वापी में रहता है। पुलिस ने वहीं से 17 वर्षीय नाबालिग को पकड़ा। वह दिन-रात मोबाइल में उलझा रहता था, पढ़ाई छोड़ चुका था। पिछले साल 90% लाया था, इस बार 50% भी नहीं आए।
दूसरा आरोपी वंश राणा (20) है, जो ग्रेजुएशन कर रहा है। उसने वीडियो शेयर किया और इंस्टा पर वायरल किया।
कोर्ट ने सुनाया सख्त फैसला: दोनों की जमानत खारिज
पॉक्सो कोर्ट ने दोनों की जमानत याचिका को सिरे से खारिज कर दिया। जज तिरुपति कुमार गुप्ता ने आदेश में लिखा—
“ऐसे अपराधों में रिहाई से पीड़िता की मानसिक स्थिति और समाज दोनों पर असर पड़ेगा।”
नाबालिग को सुधार गृह भेजा गया है, जहां उसे काउंसलिंग दी जाएगी। वंश राणा को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया।
तकनीक जब बन जाए अपराध का औजार…
ये घटना बताती है कि आज के दौर में AI जितना उपयोगी है, उतना ही खतरनाक भी हो सकता है। किसी के फोटो से उसकी पहचान मिटाकर एक फर्जी हकीकत बनाई जा सकती है। और जब ये शिकार एक नाबालिग बच्ची हो—तो यह केवल साइबर क्राइम नहीं, डिजिटल रेप बन जाता है।
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