एग्जाम देने आए थे, पुलिस उठा ले गई! MLA अभिमन्यु पूनिया और छात्रनेता निर्मल चौधरी हिरासत में
राजस्थान यूनिवर्सिटी में दर्शन शास्त्र का पेपर देने पहुंचे पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी और हनुमानगढ़ के सांगरिया से कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया को शनिवार सुबह पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

राजस्थान यूनिवर्सिटी में दर्शन शास्त्र का पेपर देने पहुंचे पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी और हनुमानगढ़ के सांगरिया से कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया को शनिवार सुबह पुलिस ने हिरासत में ले लिया। दोनों जैसे ही परीक्षा हॉल पहुंचे, वहां पहले से मौजूद सिविल ड्रेस में पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका और जबरन गाड़ी में बैठाकर ले गए। इस घटना के बाद यूनिवर्सिटी कैंपस में छात्रों ने हंगामा कर दिया।
इस कार्रवाई पर पुलिस और नेताओं के अलग-अलग दावे सामने आ रहे हैं। डीसीपी ईस्ट तेजस्विनी गौतम ने कहा कि पुलिस ने सिर्फ निर्मल चौधरी को डिटेन किया है। उनके खिलाफ 2022 में राजकार्य में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज था और जांच में अपराध प्रमाणित पाए जाने पर आज पुलिस ने कार्रवाई की। डीसीपी के अनुसार, विधायक अभिमन्यु पूनिया को हिरासत में नहीं लिया गया, बल्कि वे खुद ही निर्मल चौधरी को बचाने के लिए पुलिस गाड़ी में बैठ गए थे। उन्हें बाद में गांधी नगर थाने से उनके आवास भेज दिया गया।
हालांकि, अभिमन्यु पूनिया ने पुलिस के दावों को खारिज करते हुए कहा कि उन्हें जबरन हिरासत में लिया गया। भास्कर से बातचीत में पूनिया ने कहा, “पुलिस वालों ने मुझे और निर्मल को ऐसे पकड़ा जैसे हम कोई अपराधी हों। सिविल ड्रेस में आए पुलिसकर्मियों का बर्ताव गुंडों जैसा था।”
वहीं, छात्र नेता निर्मल चौधरी का कहना है कि उन्हें पेपर देने से पहले ही पुलिस ने टारगेट कर लिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि सुबह से ही कुछ सिविल ड्रेस में पुलिसकर्मी उनका पीछा कर रहे थे। जैसे ही वह यूनिवर्सिटी पहुंचे, पुलिस ने सेंटर से ही उन्हें जबरन उठाकर पहले गांधी नगर थाने, फिर मालवीय नगर और अंत में सांगानेर सदर थाने ले जाया गया।
पायलट का सरकार पर निशाना
पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने इस मामले में राज्य सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, “सरकार अगर बदले की भावना से किसी को टारगेट कर रही है, तो हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे। सरकार यह दिखाना चाहती है कि अगर कोई विरोध करेगा, तो उसे दबा दिया जाएगा। यह रवैया लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।”
डॉ. राकेश विश्नोई सुसाइड केस से जुड़ रहा है मामला
यह मामला डॉक्टर राकेश विश्नोई आत्महत्या केस से भी जुड़ा नजर आ रहा है। 13 जून को जहर खाकर आत्महत्या करने वाले डॉ. विश्नोई के परिजनों ने उनके HOD पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था। इसी मांग को लेकर सवाई मानसिंह हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी के बाहर धरना चल रहा था, जिसमें अभिमन्यु पूनिया और निर्मल चौधरी सहित कई नेता शामिल हुए थे। सरकार और परिजनों के बीच सहमति बनने के बाद 20 जून को धरना समाप्त हो गया था।
अभिमन्यु पूनिया ने इस संबंध में कहा कि सरकार के साथ बातचीत में तय हुआ था कि इस आंदोलन से जुड़े किसी भी व्यक्ति पर कार्रवाई नहीं होगी। इसके बावजूद पुलिस ने अगली सुबह ही कार्रवाई कर दी, जो साफ तौर पर वादाखिलाफी है।
राजनीतिक तकरार के बीच छात्र राजनीति गरमाई
इस पूरी कार्रवाई के बाद यूनिवर्सिटी कैंपस में छात्र संगठनों में भी हलचल बढ़ गई है। कई छात्र संगठनों ने पुलिस की कार्रवाई को अतिरेक बताया और विरोध दर्ज कराया। छात्रों ने कहा कि परीक्षा के दिन इस तरह की गिरफ्तारी छात्रों में भय का माहौल पैदा करती है।
फिलहाल पुलिस निर्मल चौधरी से पूछताछ कर रही है और आगे की कार्रवाई की तैयारी कर रही है। वहीं, विधायक पूनिया ने साफ किया है कि वे दोपहर 12:30 बजे पुलिस कमिश्नर से मुलाकात कर अपना पक्ष रखेंगे।
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