सोनोग्राफी के बहाने शोषण,बाड़मेर के निजी अस्पताल में डॉक्टर की हरकत, सीज की तैयारी शुरू!
राजस्थान के बाड़मेर जिले में मेडिकल प्रोफेशन की आड़ में शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। जिले के शिव थाना क्षेत्र में स्थित एक निजी अस्पताल में सोनोग्राफी के बहाने डॉक्टर द्वारा 16 वर्षीय नाबालिग से अश्लील हरकत करने का मामला दर्ज हुआ है।

राजस्थान के बाड़मेर जिले में मेडिकल प्रोफेशन की आड़ में शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। जिले के शिव थाना क्षेत्र में स्थित एक निजी अस्पताल में सोनोग्राफी के बहाने डॉक्टर द्वारा 16 वर्षीय नाबालिग से अश्लील हरकत करने का मामला दर्ज हुआ है। पुलिस ने आरोपी डॉक्टर विष्णु चौधरी (उम्र 33 वर्ष) के खिलाफ पॉक्सो एक्ट और अन्य धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल आरोपी फरार बताया जा रहा है।
सोनोग्राफी के नाम पर की गई शर्मनाक हरकत
जानकारी के अनुसार, शनिवार शाम को पीड़िता को पेट दर्द की शिकायत के चलते परिजन एक निजी हॉस्पिटल लेकर पहुंचे थे। यहां डॉक्टर विष्णु चौधरी ने सोनोग्राफी की आवश्यकता बताई और किशोरी को अकेले कमरे में बुलाया। आरोप है कि इसी दौरान डॉक्टर ने किशोरी के साथ अश्लील हरकत की और उसे अनुचित तरीके से छुआ। कमरे से बाहर निकलने के बाद लड़की काफी सहमी हुई थी, लेकिन उसने तुरंत कुछ नहीं बताया।
रविवार को जब परिजनों ने बेटी से बातचीत की, तो उसने पूरी आपबीती सुनाई। इसके बाद परिजन उसे लेकर शिव थाना पहुंचे और लिखित में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी डॉक्टर के खिलाफ पॉक्सो एक्ट और आईपीसी की छेड़छाड़ संबंधी धाराओं में मामला दर्ज किया है।
जांच में जुटी पुलिस, बयान दर्ज
शिव थाना प्रभारी सत्यप्रकाश ने बताया कि रविवार देर शाम को पीड़िता के पिता की शिकायत पर केस दर्ज किया गया। सोमवार को पीड़िता के बयान दर्ज कर लिए गए हैं और मेडिकल परीक्षण भी कराया गया है। उन्होंने बताया कि आरोपी डॉक्टर से संपर्क की कोशिश की गई, लेकिन उसका मोबाइल फोन बंद मिला। फिलहाल उसकी लोकेशन ट्रेस की जा रही है और टीमें गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं।
बिना पंजीकरण चला रहा था अस्पताल
इस मामले में स्वास्थ्य विभाग भी सख्त नजर आया है। सीएमएचओ डॉ. विष्णुराम विश्नोई ने पुष्टि की है कि आरोपी डॉक्टर द्वारा संचालित निजी हॉस्पिटल का पंजीकरण नहीं है। डॉक्टर विष्णु चौधरी के पास केवल सोनोग्राफी का लाइसेंस है, लेकिन वह पूरी तरह से अस्पताल चला रहा था, जो नियमों के खिलाफ है। विभाग ने ब्लॉक हेल्थ ऑफिसर को हॉस्पिटल सील करने के निर्देश दिए हैं।
मामला गंभीर, जल्द गिरफ्तारी के प्रयास
पुलिस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच में जुटी है। थाना प्रभारी सत्यप्रकाश ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी प्राथमिकता है। फरारी की स्थिति में डॉक्टर के खिलाफ वारंट और अन्य कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। वहीं, स्थानीय स्तर पर यह घटना चर्चा का विषय बन चुकी है, और लोगों में मेडिकल क्षेत्र के प्रति अविश्वास की भावना भी देखी जा रही है।
सवालों के घेरे में मेडिकल प्रैक्टिस
यह मामला न सिर्फ एक आपराधिक घटना है, बल्कि मेडिकल प्रैक्टिस पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। बिना पंजीकरण अस्पताल संचालन, नाबालिग को अकेले कमरे में बुलाने की प्रक्रिया और डॉक्टर की नैतिक जिम्मेदारी पर भी अब सवाल उठने लगे हैं।
पुलिस का कहना है कि मेडिकल रिपोर्ट और अन्य साक्ष्य मिलने के बाद जल्द ही चार्जशीट दाखिल की जाएगी। फिलहाल पीड़िता का मनोवैज्ञानिक परामर्श भी शुरू किया गया है।
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