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अंता विधानसभा उपचुनाव का बजा बिगुल, पहले चरण की EVM जांच पूरी, आयोग को भेजी अनुशंसा

बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव की प्रक्रिया जल्द शुरू हो सकती है। राज्य निर्वाचन विभाग ने इस संबंध में भारत निर्वाचन आयोग को सिफारिश भेज दी है। अब आयोग तय करेगा कि उपचुनाव की तारीख क्या होगी।

Sachin Sharma लाइव हिन्दुस्तानThu, 19 June 2025 10:49 PM
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अंता विधानसभा उपचुनाव का बजा बिगुल, पहले चरण की EVM जांच पूरी, आयोग को भेजी अनुशंसा

बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव की प्रक्रिया जल्द शुरू हो सकती है। राज्य निर्वाचन विभाग ने इस संबंध में भारत निर्वाचन आयोग को सिफारिश भेज दी है। अब आयोग तय करेगा कि उपचुनाव की तारीख क्या होगी। उधर, जिले में चुनाव की तैयारियां भी प्रारंभ कर दी गई हैं। ईवीएम की प्रथम चरण की जांच पूरी कर ली गई है।

यह उपचुनाव विधायक कंवरलाल मीणा की अयोग्यता के चलते जरूरी हुआ है। मीणा को एक पुराने आपराधिक मामले में तीन साल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 (3) के तहत उनकी सदस्यता समाप्त कर दी थी। यह धारा दो साल या उससे अधिक की सजा पाए जनप्रतिनिधियों को स्वतः अयोग्य घोषित करती है।

विवादित मामला जो बना विधायक की सदस्यता खत्म होने का कारण

कंवरलाल मीणा के खिलाफ दर्ज मामला वर्ष 2005 का है। 3 फरवरी 2005 को झालावाड़ जिले के मनोहर थाना क्षेत्र में दांगीपुरा-राजगढ़ मोड़ पर ग्रामीणों ने उपसरपंच चुनाव में दोबारा मतदान की मांग को लेकर रास्ता जाम कर दिया था। इस सूचना पर तत्कालीन एसडीएम रामनिवास मेहता, प्रोबेशनर आईएएस डॉ. प्रीतम बी. यशवंत और तहसीलदार मौके पर पहुंचे।

कुछ देर बाद कंवरलाल मीणा अपने साथियों के साथ वहां पहुंचा और कथित रूप से एसडीएम मेहता की कनपटी पर पिस्तौल तानते हुए कहा कि यदि दोबारा मतगणना की घोषणा नहीं की गई तो जान से मार देगा। साथ ही उसने सरकारी फोटोग्राफर की कैसेट तोड़कर जला दी और डॉ. प्रीतम का कैमरा भी छीन लिया, जो बाद में लौटाया गया।

इस मामले में ट्रायल कोर्ट से मीणा को दोषी ठहराते हुए तीन साल की सजा सुनाई गई थी। मीणा ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन 7 मई 2024 को सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस विक्रमनाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस संजय करोल की बेंच ने उनकी याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने उन्हें दो सप्ताह में सरेंडर करने का निर्देश दिया था, जिसके बाद मीणा ने मनोहर थाना कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया।

अब बारी उपचुनाव की

मीणा की अयोग्यता के बाद अंता सीट रिक्त हो गई है और अब उपचुनाव होना तय है। निर्वाचन विभाग ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। राजनीतिक दलों की नजरें अब इस सीट पर टिकी हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि सत्ताधारी दल और विपक्ष किस प्रत्याशी को मैदान में उतारते हैं और यह चुनावी मुकाबला कितना रोचक होता है।

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