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राजस्थान के सरकारी मेडिकल कॉलेज में रात को पानी पीने उठा डॉक्टर, वाटर कूलर से करंट लगने से मौत

घटना के बाद गुस्साए रेजिडेंट डॉक्टरों और अंडरग्रेजुएट छात्रों ने हड़ताल करते हुए काम करना बंद कर दिया और कॉलेज परिसर में विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया, इस दौरान उन्होंने नारे लगाए और कॉलेज अधिकारियों से इस्तीफे की मांग की।

Sourabh Jain पीटीआई, उदयपुर, राजस्थानThu, 19 June 2025 04:24 PM
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राजस्थान के सरकारी मेडिकल कॉलेज में रात को पानी पीने उठा डॉक्टर, वाटर कूलर से करंट लगने से मौत

राजस्थान के उदयपुर शहर में हुए एक दर्दनाक हादसे में वाटर कूलर से करंट लगने से एक डॉक्टर की मौत हो गई। यह दुर्घटना शहर के आरएनटी (रविंद्रनाथ टैगोर) मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में बुधवार देर रात को हुई। इस घटना के बाद गुस्साए रेजिडेंट डॉक्टरों ने गुरुवार सुबह हड़ताल कर दी और डॉक्टर की मौत की जवाबदेही तय करते हुए जिम्मेदार अधिकारियों के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मृतक की पहचान नागौर जिले के मकराना के रहने वाले डॉक्टर रवि शर्मा के रूप में हुई है, जिनकी उम्र 35 साल थी और जो कि खेरवाड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ थे। उन्होंने हाल ही में अजमेर से एनेस्थीसिया में पीजी की पढ़ाई पूरी की थी।

अस्पताल सूत्रों ने बताया कि यह दुर्घटना बुधवार रात करीब 2 बजे दिलशाद हॉस्टल की चौथी मंजिल पर हुई, जब डॉ. शर्मा छात्रावास के गलियारे में रखे कूलर से पानी लेने आए थे। पुलिस के मुताबिक डॉक्टर रवि हाल ही में उदयपुर आए थे और शहर के महाराणा भूपाल सिंह अस्पताल में जॉइन करने वाले थे। इसी वजह से बीते कुछ दिनों से वे अपने चचेरे भाई डॉ. प्रशांत के साथ टैगोर कॉलेज के पीजी हॉस्टल में रह रहे थे, जो कि यहां पर रेजिडेंट डॉक्टर के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

उधर घटना के बारे में मीडिया से बात करते हुए मृतक के चचेरे भाई डॉ प्रशांत ने कहा, 'उन्हें जोरदार करंट लगा और वे बेहोश हो गए। उनकी चीखें सुनकर अन्य रेजिडेंट डॉक्टर उनकी मदद के लिए दौड़े और सीपीआर देते हुए उनकी जान बचाने की कोशिश की, और इसके बाद उन्हें एमबी (महाराणा भूपाल सिंह) अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।'

घटना के बाद गुस्साए रेजिडेंट डॉक्टरों और अंडरग्रेजुएट छात्रों ने हड़ताल करते हुए काम करना बंद कर दिया और कॉलेज परिसर में विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया, इस दौरान उन्होंने नारे लगाए और कॉलेज अधिकारियों से इस्तीफे की मांग की। घटना के विरोध में इमरजेंसी, आईसीयू और ट्रॉमा वार्ड में तैनात रेजिडेंट डॉक्टर भी हड़ताल में शामिल हो गए, जिसके चलते दक्षिणी राजस्थान के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक में चिकित्सा सेवाएं बाधित हुईं। इस बारे में रेजिडेंट डॉक्टर्स यूनियन के संयुक्त सचिव डॉ. आशीष महंत ने कहा, 'हम इस दुखद चूक के लिए नैतिक आधार पर प्रिंसिपल और हॉस्टल वार्डन के इस्तीफे की मांग करते हैं।'

पुलिस ने इस मामले में जांच के बाद कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। फिलहाल अधिकारी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं, जबकि अस्पताल प्रशासन हॉस्टल में बिजली से चलने वाले उपकरणों की विद्युत सुरक्षा की जांच कर रहे हैं।

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