नया-नया घर बनवा रहे हैं? कौन सा रूम किस दिशा में होगा ये तो आप अब तक डिसाइड कर चुके होंगे। घर में एक कोना है जिसे हम चाहते हैं कि सबसे शांत और इंस्पायर करने वाला हो और वो होता है बच्चों का स्टडी रूम। आप भी अगर बच्चों के स्टडी रूम को लेकर काफी सोच में पड़े हैं तो अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। वास्तु के कुछ टिप्स को ध्यान में रखकर आप अपने बच्चे के स्टडी रूम को सकारात्मक ऊर्जा से भर सकते हैं। वहीं आप बने-बनाए घर में भी थोड़ा फेरबदल करके ये बदलाव ला सकते हैं। चो चलिए जानते हैं कि आखिर बच्चों का स्टडी रूम कैसा होना चाहिए?
स्टडी रूम को उस ओर बनाएं जहां रोशनी पर्याप्त मात्रा में आ पाए। वहीं इस रूम की खिड़की को पूर्व, उत्तर या फिर पश्चिम दिशा की ओर ही बनवाइए। वास्तु शास्त्र के हिसाब से ये तीनों दिशाएं स्टडी रूम की खिड़की के लिए ठीक रहेंगी। इससे बच्चे के मन में स्थिरता बनी रहेगी।
स्टडी रूम के दरवाजे को हमेशा उत्तर, पूर्व, पश्चिम और उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार इन दिशाओं का सही तरह से उपयोग करने से लाइफ में खूब तरक्की मिलती है।
स्टडी रूम बनवाते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि आपका बच्चा किस दिशा में बैठेगा। कोशिश करिए कि जब पढ़ने बैठे तो उसका चेहरा पूर्व और उत्तर दिशा में हो। दरअसल पूर्व दिशा में ही सूर्योदय होता है। इस दिशा में अगर आपका बच्चा बैठता है तो उसका फोकस कभी भी नहीं हटेगा। वहीं उत्तर दिशा में काफी सकारात्मक ऊर्जा होती है तो इससे मन हमेशा शांत रहेगा।
इस बात का भी ध्यान रखिए कि आखिर आप बच्चे की बुक्स वाली अलमारी को किस दिशा में रख रहे हैं? बुकशेल्फ को कभी भी दक्षिण-पश्चिम और उत्तर-पश्चिम दिशा में ना रखें। आप कोशिश करिए कि ये पूर्व और उत्तर दिशा की ओर ही हो।
घर के मैप के मुताबिक स्टडी रूम हमेशा पश्चिम दिशा की ओर ही होना चाहिए। वास्तु शास्त्र में इस दिशा को हमेशा से कर्म और परिणाम से जोड़कर देखा जाता है। इस दिशा में स्टडी रूम होने से आपके बच्चे की सोचने की क्षमता भी बढ़ेगी।