सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में शतक जमाया लेकिन उनकी फील्डिंग के दौरा काफी निराश किया। उन्होंने मैच में चार कैच टपकाए। यशस्वी द्वारा इंग्लैंड की दूसरी पारी में बेन डकेट का छोड़ा गया कैच तो भारत को बहुत भारी पड़ा। डकेट जब 97 के निजी स्कोर पर थे, तब यशस्वी ने मोहम्मद सिराज की गेंद पर उन्हें जीवनदान दिया। डकेट 149 रन बनाकर पवेलियन लौटे। वह जब आउट हुए, तब तक इंग्लैंड जीत के करीब पहुंच गया था।
भारत के धाकड़ पेसर जसप्रीत बुमराह ने लीड्स टेस्ट की पहली पारी में पंजा खोला था मगर वह दूसरी पारी में कमाल नहीं दिखा पाए। बुमराह ने 19 ओवर गेंदबाजी करते हुए 57 रन खर्च किए लेकिन एक भी सफलता नहीं मिली। बुमराह के विकेट नहीं लेने से इंग्लैंड पर दबाव नहीं बन सका।
तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज मैच में असरदार नजर नहीं आए। उन्हें इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने जमकर निशाना बनाया। सिराज ने पहली पारी में 27 ओवर में 122 रन लुटाने के बाद दो विकेट चटकाए। वहीं, सिराज दूसरी पारी में 14 ओवर में 51 रन देकर कोई विकेट नहीं ले सके।
अनुभवी बल्लेबाज करुण नायर कमबैक टेस्ट में विफल रहे। आठ साल बाद भारतीय टीम के लिए खेलने वाले नायर का पहली में खाता नहीं खुला था। वह दूसरी पारी में सिर्फ 20 रन ही जुटा सके। उन्होंने छठे नंबर पर उतरने के बाद 54 गेंदों का सामना करने के बाद तीन चौके लगाए। नायर अगर बड़ी पारी खेलते तो शायद भारतीय टीम और दमदार टारगेट दे सकती थी।
इंग्लैंड दौरे पर फिलहाल रविंद्र जडेजा सबसे अनुभवी भारतीय खिलाड़ी हैं। हालांकि, स्पिनर ऑलराउंडर जडेजा का अनुभव पहले टेस्ट में काम नहीं आया। वह ना तो बल्ले से और ना ही गेंद से कोई खास धमाल मचा सके। 36 वर्षीय खिलाड़ी के बल्ले से पहली पारी में 11 रन निकले। उन्होंने इस दौरान 23 ओवर में 68 रन दिए पर विकेट नहीं मिला। जडेजा ने दूसरी पारी में जरूर नाबाद 25 रन बनाए लेकिन गेंद से बेअसर रहे। उन्होंने 24 ओवर में सर्वाधिक 104 रन लुटाए और एक विकेट ही लिया।