घर की सभी वस्तुओं को अपनी सही स्थिति और दिशा में रखने से वास्तु संबंधी दोषों से राहत मिलती है, जैसे कि यदि रसोई घर गलत बना है, तो उसमें चूल्हा, स्टोव आदि को सही दिशा में रखने की जरुरत है।
इससे आपको किचन को दोबारा से तोड़ने की जरुरत नहीं है। चूल्हा, स्टोव आदि को अग्नि कोण यानी दक्षिण-पूर्व दिशा में स्थापित करने से वास्तु दोष मिट जाता है।
यदि बेडरूम यानी शयन कक्ष गलत बना हो, तो आपको शयन कक्ष के वास्तु दोष को ठीक करने की जरुरत है। आप सोने की स्थिति को दक्षिण-उत्तर कर लें। इससे वास्तु दोष को ठीक हो सकता है।
यदि पानी का बोरिंग गलत दिशा में कर दिया गया है, तो इसे भी ठीक किया जा सकता है। इसके लिए वहां इलेक्ट्रिक मोटर लगा दें और पानी के प्रथम निकास को ईशान कोण या पूर्व दिशा में स्थापित कर दें। इससे भवन का जल दोष नष्ट हो जाएगा।
दरवाजों और खिड़कियों को नियमित रूप से खोलें ताकि प्राकृतिक रोशनी और ताजी हवा आ सके। उत्तर या पूर्व दिशा में अधिक खुला स्थान रखने का प्रयास करें। इससे घर का वास्तु दोष मिटता है।
यह खबर सामान्य जानकारियों, धर्म ग्रंथों और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। किसी भी तरह की विशेष जानकारी के लिए धर्म विशेषज्ञ से उचित सलाह लें।