वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण दिशा में सात घोड़ों की पेंटिंग लगाना प्रसिद्धि और सफलता का कारक है। यह दिशा यश और मान-सम्मान से जुड़ी है। इस दिशा में पेंटिंग लगाने से व्यक्ति के कार्यक्षेत्र में मान्यता बढ़ती है और सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है। सुनिश्चित करें कि घोड़े शांतिपूर्ण मुद्रा में हों।
उत्तर दिशा में सात घोड़ों की पेंटिंग लगाने से धन और समृद्धि का आगमन होता है। यह दिशा धन के देवता कुबेर से संबंधित है। व्यापारियों के लिए दुकान में यह तस्वीर या तांबे, पीतल या चांदी से बनी घोड़ों की प्रतिमा रखना लाभकारी है। यह व्यवसाय में वृद्धि और आर्थिक स्थिरता लाता है।
पूर्व दिशा में सात घोड़ों की पेंटिंग लगाने से करियर में उन्नति होती है। यह दिशा सूर्य से जुड़ी है और रुके हुए कार्यों में गति प्रदान करती है। नौकरीपेशा लोगों के लिए यह तस्वीर प्रोमोशन और सफलता का कारण बनती है। सुनिश्चित करें कि पेंटिंग में घोड़े पूर्ण रूप से दिखाई दें।
सात घोड़ों की पेंटिंग लिविंग रूम, स्टडी रूम, या कार्यस्थल पर लगानी चाहिए, क्योंकि यह गति और ऊर्जा का प्रतीक है। इसे कभी भी बेडरूम में ना लगाएं, क्योंकि यह शांति भंग कर सकता है। कार्यस्थल पर यह तस्वीर प्रेरणा और उत्पादकता बढ़ाती है। पेंटिंग का आकार और स्थान वास्तु के अनुसार चुनें।
सात घोड़ों की पेंटिंग में सफेद रंग सबसे शुभ माना जाता है, क्योंकि यह शांति, पवित्रता और समृद्धि का प्रतीक है। आक्रामक या युद्धरत घोड़ों की तस्वीर से बचें, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा लाती है। शांतिपूर्ण और लगाम में बंधे घोड़े सकारात्मक वास्तु प्रभाव डालते हैं।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, सात घोड़ों की तस्वीर या पेंटिंग को नियमित रूप से साफ करें और इसे सम्मानजनक स्थान पर लगाएं। वास्तु विशेषज्ञ से सलाह लेना फायदेमंद हो सकता है।
यह खबर सामान्य जानकारियों, धर्म ग्रंथों और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। किसी भी तरह की विशेष जानकारी के लिए धर्म विशेषज्ञ से उचित सलाह लें।