वास्तु में घर के मुख्य द्वार का विशेष महत्व है। वास्तु शास्त्र कहता है कि यह सिर्फ का घर में प्रवेश करने का रास्ता नहीं है, बल्कि घर में सकारात्मक व नकारात्मक ऊर्जाओं का प्रवेश द्वार है। वास्तु के अनुसार, घर के मुख्य द्वार से जुड़े कुछ नियमों का पालन करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। मुख्य द्वार से जुड़े इन नियमों की अनदेखी करने पर घर में वास्तु दोष हो सकता है। जानें मुख्य द्वार से जुड़े वास्तु नियम-
वास्तु शास्त्र के अनुसार, अगर मुख्य द्वार से सड़क का ऊंचा होना शुभ नहीं माना जाता है। कहा जाता है कि यह वास्तु दोष का कारण बनता है, इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है और कार्यों में विघ्न-बाधा में सामना करना पड़ता है।
वास्तु के अनुसार, मुख्य द्वार पर जंग लगा हुआ ताला लगाना शुभ परिणाम नहीं देता है। इसलिए कभी भी घर के मेनगेट पर जंग लगा हुआ ताला नहीं लगाना चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, मुख्य द्वार के ठीक सामने पेड़ होना अच्छा नहीं माना जाता है। मान्यता है कि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा की क्षति होती है और नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है।
वास्तु के अनुसार, मुख्य द्वार के आगे कोई भी खंबा या नाला होना शुभ नहीं माना जाता है। कहते हैं कि इस स्थिति में परिवार के सदस्यों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आर्थिक हानि होती है।
वास्तु के अनुसार, मुख्य द्वार या चौखट कभी भी खराब या टूटी हुई या खंडित नहीं होनी चाहिए। कहते हैं कि इससे घर में दरिद्रता आती है।
वास्तु के अनुसार, मुख्य द्वार के ऊपर लटका हुआ तारों का जाल ठीक नहीं होता है। अगर ऐसा है तो इसे फौरन ठीक करा लेना चाहिए। कहते हैं कि मेनगेट पर लटका तारों का जाल वास्तु दोष का कारण बनता है।
वास्तु के अनुसार, मुख्य द्वार पर बहुत सारे देवी-देवताओं की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए। कहते हैं कि इसे शुभ नहीं माना जाता है।