वास्तु शास्त्र में कई ऐसे नियम वर्णित हैं जिनका पालन करना बहुत जरूरी होता है। इन नियमों की अनदेखी करने पर जीवन में नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, सूर्य अस्त होने के साथ अंधेरा हो जाता है, जिसे वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा फैलती है। वास्तु शास्त्र में सूर्यास्त के बाद कुछ कार्यों की मनाही होती है। मान्यता है कि इन कार्यों को करने से जीवन में आर्थिक तंगी व मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। जानें वास्तु अनुसार सूरज डूबने के बाद किन कामों को नहीं करना चाहिए।
वास्तु के अनुसार, जब सूर्य अस्त हो जाएं तो घर में न ही झाड़ू लगानी चाहिए और न ही पोछा लगाना चाहिए। मान्यता है कि इससे धन की हानि की होती है। हिंदू धर्म में झाड़ू को मां लक्ष्मी से जोड़ा जाता है। कहते हैं कि जिस घर में सूर्य अस्त होने पर साफ-सफाई होती है, वहां मां लक्ष्मी का वास नहीं होता है।
वास्तु के अनुसार, सूर्यास्त के बाद घर का मुख्य दरवाजा बंद नहीं करना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार, शाम के समय मां लक्ष्मी का घर में आगमन होता है। अगर घर का मुख्य द्वार बंद रहता है, तो मां लक्ष्मी बाहर से ही लौट जाती हैं।
सूर्यास्त के समय घर में किसी भी व्यक्ति को नहीं सोना चाहिए। वास्तु के अनुसार, सूर्य अस्त के समय घर में सोने से आर्थिक उन्नति नहीं होती है और धन व वैभव की देवी मां लक्ष्मी का वास नहीं होता है।
वास्तु के अनुसार, सू्र्यास्त के बाद दही, नमक, हल्दी व धन आदि का दान नहीं करना चाहिए। इसके अलावा सूर्यास्त के बाद लहसुन, सुई, प्याज व खट्टी चीजें घर से बाहर नहीं करनी चाहिए। शाम के समय किसी को न ही पैसे उधार देने चाहिए और न ही लेने चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी रुष्ट हो सकती हैं।
सूर्यास्त के बाद बाल व नाखून को नहीं काटना चाहिए। वास्तु के अनुसार, ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और सकारात्मक ऊर्जा की क्षति होती है।