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रसोई में मां अन्नपूर्णा की तस्वीर क्यों लगाते हैं?

हिंदू धर्म में मां अन्नपूर्णा को अन्न और पोषण की देवी माना जाता है। उनका नाम अन्न (भोजन) और पूर्णा (पूर्णता) से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है भोजन की पूर्णता प्रदान करने वाली। रसोई घर में तस्वीर लगाने की परंपरा सदियों पुरानी है। आइए जाने इसके पीछे का कारण।

Navaneet RathaurMon, 30 June 2025 11:21 PM
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पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान शिव और माता पार्वती के बीच यह विवाद हुआ कि संसार का आधार क्या है। शिव जी ने कहा कि सब कुछ माया है, जबकि माता पार्वती ने भोजन को जीवन का आधार बताया। क्रुद्ध होकर पार्वती ने अन्न को संसार से हटा दिया, जिससे भूख और त्राहि-त्राहि मच गई। भक्तों की पुकार सुनकर माता ने अन्नपूर्णा के रूप में अवतार लिया और काशी में अन्न का वितरण शुरू किया। तब से वे अन्न की अधिष्ठात्री मानी जाती हैं।

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रसोई में तस्वीर का धार्मिक महत्व

रसोई वह स्थान है जहां भोजन तैयार होता है, जो जीवन का आधार है। मां अन्नपूर्णा की तस्वीर रसोई में लगाने से माना जाता है कि घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती। उनकी उपस्थिति रसोई को पवित्र बनाती है और भोजन में सात्विकता आती है।

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समृद्धि और सुख का प्रतीक

मां अन्नपूर्णा को समृद्धि और वैभव की देवी भी माना जाता है। उनकी तस्वीर रसोई में लगाने से घर में सुख-शांति और आर्थिक समृद्धि बनी रहती है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, अन्नपूर्णा का आशीर्वाद घर को भोजन और धन की कमी से बचाता है। रसोई में उनकी तस्वीर लगाना इस विश्वास को दर्शाता है कि मां हर भक्त के घर को अन्न और धन से परिपूर्ण रखेंगी। यह परंपरा परिवार में एकता और प्रेम को भी बढ़ावा देती है।

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भोजन में सात्विकता और शुद्धता

हिंदू धर्म में भोजन को केवल शारीरिक पोषण ही नहीं, बल्कि आत्मिक और मानसिक शुद्धता का साधन भी माना जाता है। मां अन्नपूर्णा की तस्वीर रसोई में लगाने से वहां सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मान्यता है कि मां की कृपा से तैयार भोजन ना केवल स्वादिष्ट, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक और सात्विक होता है। उनकी तस्वीर भोजन बनाते समय भक्ति और श्रद्धा की भावना को प्रेरित करती है, जो परिवार के स्वास्थ्य और खुशहाली को बढ़ाती है।

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काशी में मां अन्नपूर्णा का महत्व

काशी (वाराणसी) में मां अन्नपूर्णा का मंदिर विशेष रूप से प्रसिद्ध है। यहां भक्त मां के दर्शन के लिए दूर-दूर से आते हैं। मान्यता है कि मां अन्नपूर्णा ने स्वयं काशी में निवास किया ताकि भक्तों को भोजन और आशीर्वाद प्रदान कर सकें। रसोई में उनकी तस्वीर लगाना काशी के इस पवित्र मंदिर से आध्यात्मिक संबंध को दर्शाता है। यह परंपरा भक्तों को मां के प्रति कृतज्ञता और भक्ति व्यक्त करने का अवसर देती है।

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मां अन्नपूर्णा का आशीर्वाद

मां अन्नपूर्णा की तस्वीर रसोई में लगाना केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि जीवन के प्रति कृतज्ञता और भक्ति का प्रतीक है। यह हमें याद दिलाती है कि भोजन केवल भूख मिटाने का साधन नहीं, बल्कि मां का आशीर्वाद है। उनकी तस्वीर रसोई को पवित्र बनाती है और परिवार में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य लाती है।

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नोट

यह खबर सामान्य जानकारियों, धर्म ग्रंथों और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। किसी भी तरह की विशेष जानकारी के लिए धर्म विशेषज्ञ से उचित सलाह लें।