यही वजह है कि इसे गले में पहनने से लेकर पूजा-पाठ तक में इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन हर चीज की तरह तुलसी की माला की भी नकली मिलने लगी है। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि नकली और असली तुलसी की माला की पहचान कैसे करें।
तुलसी की असली माला की सबसे पहली पहचान यह है कि वह पानी में रंग नहीं छोड़ती। एक बर्तन में साफ पानी लें और उसमें माला को डाल दें। अगर माला से रंग निकलने लगे या पानी का रंग बदल जाए, तो समझिए वह माला नकली है।
दूसरा तरीका है माला को पानी में डालकर देखना। अगर तुलसी की माला असली है, तो वह हल्की होगी और पानी की सतह पर तैरने लगेगी। लेकिन अगर वह भारी है और सीधे नीचे डूब जाए, तो यह साफ संकेत है कि माला नकली है।
तुलसी की माला को आप खुशबू से पहचान सकते हैं। असली वाले में हल्की-सी प्राकृतिक महक आती है, जो तुलसी के पौधे जैसी होती है। नकली माला में अक्सर कोई सुगंध नहीं होती है।
असली तुलसी की माला की लड़ियां थोड़ी खुरदुरी होती हैं और उनमें हल्की-फुल्की रेखाएं, दाग या काले निशान नजर आते हैं। जबकि नकली माला एकदम चमकदार, चिकनी और एकसमान होती है।
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