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तुलसी की माला असली है या नकली? इन 4 आसान तरीकों से जानें

हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है। साथ ही लोग इसकी माला भी धारण करते हैं. इसे आस्था, भक्ति और सकारात्मक ऊर्जा की पहचान भी मानी जाती है। मान्यता है कि इसे पहनने के बहुत लाभ है। इसे धारण करने से मन शांत रहता है, चिंता कम होती है और शरीर में एक अलग ही ऊर्जा महसूस होती है।

Dheeraj PalThu, 19 June 2025 10:23 PM
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असली या नकली

यही वजह है कि इसे गले में पहनने से लेकर पूजा-पाठ तक में इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन हर चीज की तरह तुलसी की माला की भी नकली मिलने लगी है। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि नकली और असली तुलसी की माला की पहचान कैसे करें।

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पहला तरीका

तुलसी की असली माला की सबसे पहली पहचान यह है कि वह पानी में रंग नहीं छोड़ती। एक बर्तन में साफ पानी लें और उसमें माला को डाल दें। अगर माला से रंग निकलने लगे या पानी का रंग बदल जाए, तो समझिए वह माला नकली है।

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दूसरा तरीका

दूसरा तरीका है माला को पानी में डालकर देखना। अगर तुलसी की माला असली है, तो वह हल्की होगी और पानी की सतह पर तैरने लगेगी। लेकिन अगर वह भारी है और सीधे नीचे डूब जाए, तो यह साफ संकेत है कि माला नकली है।

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खुशबू से पहचानिए

तुलसी की माला को आप खुशबू से पहचान सकते हैं। असली वाले में हल्की-सी प्राकृतिक महक आती है, जो तुलसी के पौधे जैसी होती है। नकली माला में अक्सर कोई सुगंध नहीं होती है।

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चौथा तरीका

असली तुलसी की माला की लड़ियां थोड़ी खुरदुरी होती हैं और उनमें हल्की-फुल्की रेखाएं, दाग या काले निशान नजर आते हैं। जबकि नकली माला एकदम चमकदार, चिकनी और एकसमान होती है।

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नोट

यह खबर सामान्य जानकारियों, धर्म ग्रंथों और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। किसी भी तरह की विशेष जानकारी के लिए धर्म विशेषज्ञ से उचित सलाह लें।