जानें, DCP विक्रम कपूर की खुदकुशी के पीछे कहीं ये राज तो नहीं
फरीदाबाद के डीसीपी विक्रम कपूर सुसाइड केस में गिरफ्तार भूपानी थाना एसएचओ अब्दुल शहीद के भांजे अरशद के खिलाफ मुजेसर थाना पुलिस ने 15 अगस्त को मामला दर्ज किया। अदालत ने उसे दो माह पहले भगोड़ा घोषित...

फरीदाबाद के डीसीपी विक्रम कपूर सुसाइड केस में गिरफ्तार भूपानी थाना एसएचओ अब्दुल शहीद के भांजे अरशद के खिलाफ मुजेसर थाना पुलिस ने 15 अगस्त को मामला दर्ज किया। अदालत ने उसे दो माह पहले भगोड़ा घोषित किया था। वहीं, गिरफ्तार एसएचओ को शुक्रवार को अदालत ने चार दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया।
छह नवंबर, 2018 को दर्ज एफआईआर के मुताबिक, गश्त पर तैनात हेडकांस्टेबल को सूचना मिली कि घाघौट निवासी इरसाद एटीएम से पैसे निकाल रहे लोगों का कार्ड बदलकर धोखाधड़ी की फिराक में है। पुलिसकर्मी वहां पहुंचे तो इरसाद व एक अन्य साथी ने उन पर कार चढ़ा दी। पूछताछ में अरशद का नाम सामने आया। बताया गया कि एसएचओ ने भांजे को बचाने के लिए डीसीपी पर दबाव बनाया था।
एसएचओ से रिमांड पर राज उगलवाएगी पुलिस
डीसीपी विक्रम कपूर आत्महत्या मामले में गठित एसआईटी की टीम ने गिरफ्तार इंस्पेक्टर व भूपानी थाना एसएचओ रहे अब्दुल शहीद को अदालत ने चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया। अब एसटीएफ एसएचओ से आत्हत्या से जुड़े राज उगलवाएगी। कड़ी सुरक्षा के बीच आरोपी अब्दुल सईद को शुक्रवार दोपहर बाद न्यायायिक दंडाधिकारी शिवानी की अदालत में पेश किया। जहां एसआईटी टीम ने इस मामले को गंभीर मानते हुए 5 दिन का पुलिस रिमांड मांगा। अदालत ने दोनों पक्षों के वकीलों की दलील और पुलिस का पक्ष जानने के बाद आरोपी इंस्पेक्टर को चार दिन तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया।
सेक्टर-30 सीआईए इंस्पेक्टर विमल राय के नेतृत्व में एसआईटी टीम कड़ी सुरक्षा के बीच दोपहर बाद करीब सवा तीन बजे गिरफ्तार इंस्पेक्टर अब्दुल शहीद को लेकर न्यायायिक दंडाधिकारी शिवानी की अदालत में पहुंची। अदालत में बढ़ती भीड़ को देख पुलिस ने दरवाजे को कुछ देर बंद कर दिया। बचाव पक्ष की ओर से सरकारी अधिवक्ता के अलावा एलएन पाराशर ने अदालत से कहा कि गहनता से जांच के लिए इस मामले में 5 दिन का रिमांड मंजूर किया जाए। आरोपी पक्ष की ओर से करीब 10 वकील पेश हुए। इनमें वरिष्ठ अधिवक्ता पीएल गोयल, सतेंद्र भड़ाना, कंवर राकेश सिंह, राजपाल सिंह समेत कई वकीलों ने अदालत से रिमांड पर ऐतराज जताते हुए उन्हें मामले में झूठा फंसाने का आरोप लगाया।
एसआईटी के जांच अधिकारी ने अदालत को बताया कि यह गंभीर मामला है, पूना में छिपे मोबाइल से इस आत्महत्या के तार जुड़े हुए हैं। इसके अलावा आरोपी ने कबूल किया है कि उसका दूसरा साथी उत्तराखंड के देहरादून में किराए के कमरे में छिपा हुआ है। इसकी गहनता से जांच के लिए पांच दिन के रिमांड की जरूरत है। अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनकर 20 अगस्त तक आरोपी इंस्पेक्टर को रिमांड मंजूर करने के आदेश सुनाए। इसके साथ ही एसआईटी की टीम उन्हें तुरंत अपने साथ ले गई। हालांकि इस दौरान आरोपी पक्ष के अधिवक्ता अदालत से आरोपी इंस्पेक्टर से मुलाकात कराने की गुहार लगाते रह गए।
डीसीपी की खुदकुशी के पीछे यह राज तो नहीं
मुजेसर थाने में तैनात हेडकांस्टेबल हेमंत ने मुजेसर थाने में नवंबर 2018 में जो मामला दर्ज कराया था, उसमें आरोपी एसएचओ के भानजे की संलिप्ता बताई गई। जिसे अदालत भगोड़ा घोषित कर चुकी है। लेकिन जब आरोपी इंस्पेक्टर के दबाव में उसके रिश्तेदार के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई तो पीड़ित हेडकांस्टेबल 7 अगस्त 2019 को पुलिस आयुक्त संजय कुमार से मिले। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में लिप्त दोनों आरोपी इरसाद को तो पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था लेकिन एसएचओ अब्दुल सईद अपने भांजे को मामले से बचाने के लिए पीड़ित हवलदार हेमंत पर दबाव बना रहे थे। पुलिस आयुक्त ने मामले की जांच निवर्तमान डीसीपी विक्रमजीत कपूर को सौंपी थी। इसका पता चलते ही अब्दुल शहीद फिर सक्रिय हो गए। एसआईटी अब इसे एंगल से भी जांच कर रही है। माना जा रहा है कि डीसीपी विक्रम कपूर को ब्लैकमेल करने की जो बात सामने आई, कहीं वह इससे तो नहीं जुड़ी हुई है।
ऑडियो-वीडियो की जांच होगी
एसआईटी ने देहरादून से इंस्पेक्टर के दूसरे फरार साथी को गिरफ्तार करने व पूना से इंस्पेक्टर के मोबाइल को बरामद करने की योजना बनाई है। जल्द ही टीम आरोपी इंस्पेक्टर को अपने साथ लेकर रवाना होगी। टीम में शामिल पुलिस का मानना है कि रिमांड के दौरान बरामद मोबाइल से डीसीपी आत्महत्या कांड की तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाएगी। रिमांड के दौरान फरार आरोपी की गिरफ्तारी के बाद एसआईटी में शामिल पुलिस अधिकारी आरोपी के मोबाइल व डीसीपी के मोबाइल व व्हाट्सएप की ऑडियो व वीडियो की जांच करेगी।
सवा दो महीने बाद जागी पुलिस
फरीदाबाद। मुजेसर थाना पुलिस को अदालत से सवा दो महीने पहले भगौड़ा घोषित हुए निलंबित एसएचओ अब्दुल सईद के भानजे अरशद के खिलाफ मामला दर्ज करने की याद आई है। गुरुवार को पुलिस ने यह मामला उस समय दर्ज किया, जब एसआईटी ने इंस्पेक्टर अब्दुल सईद को गिरफ्तार किया। इसे लेकर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ खड़े हो गए हैं। 6 जून 2019 को न्यायिक दंडाधिकारी हिमानी गिल की अदालत ने 6 नवंबर 2018 को मुजेसर थाने में दर्ज पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला करने के मामले में अरशद पुत्र अब्दुल मजीद निवासी गाव माल्हाका, थाना तावडू को भगौड़ा घोषित किया था। लेकिन अभी तक पुलिस आरोपी अरशद के खिलाफ मामला दर्ज नहीं कर सकी थी। यह मामला आरोपी इंस्पेक्टर अब्दुल सईद के प्रभाव के चलते नहीं दर्ज किया गया या देरी के कोई और कारण रहे हैं। इसे लेकर पुलिस का मानना है कि कई बार मामला दर्ज करने में अक्सर देरी हो जाती है।
दबाव में आकर दी जान
इस ब्लैकमेलिंग से डीसीपी विक्रम कपूर इतने परेशान हो चुके थे, कि उन्हें अपनी जान तक देनी पड़ गई। विक्रम कपूर के बेटे अर्जुन कपूर का आरोप है कि इस ब्लैकमेलिंग की वजह से उनके पिता करीब एक डेढ़ महीने से काफी परेशान थे। इसी वजह से उन्होंने खुद को गोली मारकर आत्महत्या की थी।