कर्मचारियों को वेतन न देना अवमानना, MCD अफसरों पर भड़का दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट की सख्ती के बावजूद सिविक एजेंसी पर कोई असर होता नहीं दिख रहा है। हरदयाल म्यूनिसिपल हेरिटेज पब्लिक लाइब्रेरी के कर्मचारी बगैर वेतन कई साल से यहां काम कर रहे हैं। हाईकोर्ट ने इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है।

दिल्ली हाईकोर्ट की सख्ती के बावजूद सिविक एजेंसी पर कोई असर होता नहीं दिख रहा है। हरदयाल म्यूनिसिपल हेरिटेज पब्लिक लाइब्रेरी के कर्मचारी बगैर वेतन कई साल से यहां काम कर रहे हैं। हाईकोर्ट ने इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। हाईकोर्ट ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और लाइब्रेरी सचिव के खिलाफ अवमानना कार्रवाई को पुन: शुरू करने को कहा है।
जस्टिस अनीश दयाल की बेंच ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अतिरिक्त उपायुक्त की ओर से 18 दिसंबर, 2024 को दिए गए आश्वासन का पालन नहीं करने पर कड़ी आपत्ति जताई है। बेंच ने कहा कि निगम के अधिकारी अपने ही बयानों पर खरे नहीं उतरे हैं।
निगम के अतिरिक्त उपायुक्त आश्वासन देकर गए थे कि वह तीन साल से बगैर वेतन के काम कर रहे हरदयाल म्यूनिसिपल हेरिटेज पब्लिक लाइब्रेरी के सभी कर्मचारियों का 31 मार्च 2025 तक का वेतन और अन्य भत्ते 15 अप्रैल 2025 तक जारी कर दिए जाएंगे, लेकिन जून 2025 आने पर भी कर्मचारियों को उनका पूरा वेतन नहीं दिया गया है।
बेंच ने लाइब्रेरी सचिव को 14 अगस्त को अदालत में तलब किया है। साथ ही एमसीडी को हिदायत दी है कि यदि अगली सुनवाई 14 अगस्त से पहले कर्मचारियों को पूरा वेतन नहीं मिला तो अवमानना की कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहें।
निगम का दावा- 12 करोड़ स्वीकृत, दो करोड़ जारी किए
इस मामले में एमसीडी की ओर से स्थायी वकील तुषार सानू ने बताया कि 11.93 करोड़ रुपये की राशि वेतन के लिए स्वीकृत की गई है, जिसमें से दो करोड़ रुपये लाइब्रेरी सचिव को जारी किए जा चुके हैं। लेकिन याचिकाकर्ता के वकील अनुज अग्रवाल ने बताया कि कर्मचारियों को केवल 31 मार्च 2023 तक का वेतन मिला है, और अब भी दो साल तीन महीने की राशि बकाया है। अदालत के सख्त रुख के बाद अब सबकी नजरें 14 अगस्त की सुनवाई पर टिकी हैं।