जेपी की भूखंड वापसी की याचिका पर सुनवाई आगे बढ़ी
यमुना प्राधिकरण ने आवंटन निरस्त किया था कोर्ट का जेएएल को अंतरिम राहत देने

ग्रेटर नोएडा, वरिष्ठ संवाददाता। जेपी एसोसिएट्स के प्रमोटरों ने सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दायर की थी, जिसमें यमुना प्राधिकरण द्वारा निरस्त 1000 हेक्टेयर भूखंड को वापस दिलाने की मांग की गई थी, लेकिन कोर्ट ने इस मामले को दूसरे में जोड़ते हुए सुनवाई आगे बढ़ा दी है। जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) के प्रमोटर सुनील कुमार शर्मा और एक अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटिशन (एसएलपी) दायर की है। यह याचिका उन्होंने व्यक्तिगत रूप से कंपनी के गारंटर के रूप में दाखिल की है, क्योंकि जेएएल अभी दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि जिस 1000 हेक्टेयर जमीन को निरस्त किया गया है, वह कंपनी की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए बहुत जरूरी है।
उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया कि जमीन की स्थिति को फिलहाल के लिए जस का तस रखा जाए, यानी जमीन यीडा को न दी जाए। वहीं, यीडा की ओर से वकीलों ने दलीलें पेश करते हुए किसी भी अंतरिम राहत का विरेाध किया। उन्होंने कहा कि पहले भी जेएएल के इंसॉल्वेंसी प्रोफेशनल और क्रेडिटर्स की कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर की थीं, लेकिन कोर्ट ने तब भी कोई स्टे नहीं दिया था। इसलिए अब प्रमोटरों को राहत देने का कोई कारण नहीं बनता। दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जेएएल को अंतरिम राहत देने से मना कर दिया। हालांकि, कोर्ट ने नई याचिका को पहले से लंबित मामलों के साथ जोड़ने का आदेश दिया।
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