दिव्य रथ पर सवार होकर निकले प्रभू जगन्नाथ
रथयात्रा में सैंकड़ों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए, जयकारों से माहौल भक्तिमय बना, संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए, जयकारों से माहौल भक्तिमय बना,

रथयात्रा में सैंकड़ों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए, जयकारों से माहौल भक्तिमय बना, पुलिस सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे नोएडा, संवाददाता। सेक्टर-33 स्थित इस्कॉन मंदिर और सेक्टर-121 के श्री जगन्नाथ मंदिर से शुक्रवार को यात्रा निकाली गई। भक्तिमय माहौल में दिव्य रथ पर सवार होकर प्रभू जगन्नाथ निकले। उनके साथ बलभद्र और देवी सुभद्रा भी विराजमान रहीं। रथयात्रा में सैंकड़ों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। यात्रा का जगह-जगह फूलों की बारिश कर स्वागत किया गया। ढोल मंजीरों की धुन पर झूमते भक्तों ने भगवान का गुणगान किया। दोनों यात्रा में लगभग तीन हजार श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। इस दौरान पुलिस की सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे।
इस्कॉन मंदिर समिति द्वारा रथयात्रा से पहले भगवान की मंगल आरती, सूर्य पूजा, द्वारपाल पूजा, गोपाल बल्लभ भोग जैसे अनुष्ठान हुए। इसके बाद भगवान का अभिषेक किया गया। भगवान की महाआरती के साथ 56 से अधिक भोग लगाए गए। इसमें विभिन्न प्रकार विभिन्न प्रकार के पकवान और मिठाइयां शामिल थीं। इसके बाद सेक्टर-18 से भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली गई। यह सेक्टर-18 गुरुद्वारे से शुरू होकर अट्टा मार्केट, सब मॉल, डी एम चौक, सेक्टर-20, 21, 25, 26 चौक और अडोब चौक होते हुए मंदिर पर समाप्त हुई। श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ को खींचते हुए भक्ति संगीत, नृत्य और कीर्तन के साथ झूमते-गाते नजर आए। यात्रा के दौरान पूरे मार्ग को रंग-बिरंगी सजावट और फूलों से सुसज्जित किया गया था। ढोल-नगाड़ों की गूंज और 'हरे कृष्णा-हरे राम' के जयघोष से वातावरण भक्तिमय हो उठा। जगह-जगह श्रद्धालुओं और स्थानीय संगठनों ने रथ यात्रा का स्वागत किया और प्रसाद वितरण किया। रथ खींचने के लिए लगभग 100 फीट लंबी रस्सी का इस्तेमाल किया गया, जिसे रथ के दोनो सीरे पर बांधा गया। एक बार में लगभग दो सौ लोगों ने रथ को खींचा। इसी के साथ भक्तों द्वारा विभिन्न स्थानों पर रथयात्रा पर फूलवर्षा भी हुई। इस दौरान इस्कॉन की ओर से शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित आयोजन सुनिश्चित करने के लिए स्वयंसेवकों की तैनाती की गई। पुलिस प्रशासन ने भी सुरक्षा व्यवस्था संभालते हुए ट्रैफिक नियंत्रण में सहयोग किया। इस अवसर पर इस्कॉन के वरिष्ठ संतों ने कहा कि यह यात्रा आध्यात्मिक एकता और सांस्कृतिक समरसता का प्रतीक है। इसमें हर आयु वर्ग के लोग एक साथ भगवान के चरणों में श्रद्धा व्यक्त करते हैं। रथ यात्रा के अंत में इस्कॉन मंदिर परिसर में विशेष आरती, भजन-कीर्तन और प्रसाद वितरण का आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित हुए। 27 फीट ऊंचे रथ को तीन कुतंल फूलों से सजाया सेक्टर-121 श्रीजगन्नाथ मंदिर द्वारा विधि विधान से पूजा अर्चना हुई। इसमें पहले भगवान का नव वस्त्रों से शृंगार कर छप्पन भोग लगाए गए। यहां पर स्थानीय सांसद डॉ. महेश शर्मा ने पूजन किया और भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद लिया। इसके बाद महाआरती और महाप्रसाद का वितरण किया गया। इसके बाद रथ की पूजा की गई और भगवान को सवार कराया गया। यात्रा मंदिर से सेक्टर-71 बाबा बालक नाथ मंदिर तक रथ यात्रा निकाली गई। लगभग 27 फीट ऊंचे रथ को तीन कुतंल फूलों से सजाया गया। भगवान के दर्शन के लिए सैलाब उमड़ा। चारों तरफ जय जगन्नाथ के जयकारे गूंजे। मंदिर समिति के उपाध्यक्ष प्रमोद ने बताया कि सेक्टर-71 बाबा बालक नाथ मंदिर तक यात्रा शाम 6 बजे के बाद समाप्त हुई। यात्रा में दूर-दूर से भक्त शामिल हुए। बाहुड़ा यात्रा पांच जुलाई को निकाली जाएगी श्री जगन्नाथ मंदिर समिति द्वारा सेक्टर-71 बाबा बालक नाथ मंदिर से बाहुड़ा यात्रा पांच जुलाई को निकालगी जाएगी। भगवान 108 कलश जल से स्नान के बाद परंपरा के अनुसार 15 दिन के लिए बीमार पड़ जाते हैं। इसके बाद भगवान ठीक होने के बाद रथ पर सवार होकर अपनी मौसी से मिलने जाते हैं। भगवान वापस अपने स्थान पर पहुंचते है। इस मौके पर बाहुड़ा यात्रा निकाली जाती है।
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