नोएडा के अवैध ओल्ड एज होम में दिखी बुजुर्गों की दुर्दशा, तालों में बंद दयनीय हालत में मिले वृद्ध
नोएडा सेक्टर-55 में जन कल्याण ट्रस्ट की ओर से संचालित आनंद निकेतन वृद्ध सेवा आश्रम में रहने वाले महिला और पुरुष दयनीय स्थिति में मिले। उनके हाथ बांधकर कमरों में बंद करके रखा गया था। यह जानकारी राज्य महिला आयोग की सदस्य मीनाक्षी भराला ने गुरुवार को पुलिस-प्रशासन की टीम के साथ की गई जांच के बाद दी।

नोएडा सेक्टर-55 में जन कल्याण ट्रस्ट की ओर से संचालित आनंद निकेतन वृद्ध सेवा आश्रम में रहने वाले महिला और पुरुष दयनीय स्थिति में मिले। उनके हाथ बांधकर कमरों में बंद करके रखा गया था। यह जानकारी राज्य महिला आयोग की सदस्य मीनाक्षी भराला ने गुरुवार को पुलिस-प्रशासन की टीम के साथ की गई जांच के बाद दी।
राज्य महिला आयोग की सदस्य ने आश्रम को सील करने और महिला और पुरुषों को अन्य वृद्ध आश्रम में भेजने के निर्देश दिए। राज्य महिला आयोग की सदस्य मीनाक्षी भराला ने बताया कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो और कुछ फोटो वायरल हुए थे। वीडियो में एक महिला के हाथ बंधे थे। उन्हें खोला जा रहा था। वीडियो वायरल करने वाले का दावा था कि ये हालात सेक्टर-55 स्थित आनंद निकेतन वृद्ध सेवा आश्रम के हैं। यहां रहने वाले अधिकतर बुजुर्गों को इसी तरह दयनीय स्थिति में रखा जाता है। वायरल वीडियो और फोटो पर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने संज्ञान लेकर निरीक्षण कर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।

इसी कड़ी में गुरुवार को मीनाक्षी भराला नोएडा पहुंचीं। उनके साथ जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी और पुलिस की टीम थी। आयोग की सदस्य ने बताया कि जिस समय निरीक्षण किया गया, उस वक्त बुजुर्ग महिला को बांध कर रखा गया था। पुरुषों को तहखाने जैसे कमरों में बंद किया गया था। देख के ऐसा लग रहा था कि जैसे इनका जीवन किसी नर्क से भी बदतर है। वे बदहाल स्थिति में थे।
आश्रम रजिस्टर्ड नहीं मिला : जांच टीम ने संचालक से आश्रम के दस्तावेज दिखाने के लिए कहा तो वह कोई दस्तावेज नहीं दिखा सका। पता चला कि यह वृद्ध आश्रम वर्ष 1994 से संचालित है, लेकिन रजिस्टर्ड नहीं है, यानी अवैध है। जिला प्रशासन को आश्रम में भर्ती बुजुर्गों को अन्य आश्रम में पहुंचाने और आश्रम को सील करने के लिए कहा है।

ताले में बंद मिले बुजुर्ग
आयोग की सदस्य ने बताया कि जिस समय निरीक्षण किया गया, तब बुजुर्ग महिला और पुरुष कमरों में बंद थे। तालों को खुलवाया गया। एक महिला रेस्क्यू किया गया, उस समय उनके हाथ बंधे थे। उनके हाथ खोले गए। पुरुषों के पास कपड़े तक नहीं थे। कई महिलाओं के शरीर पर भी आधे अधूरे कपड़े थे। उन्हें कपड़े दिलाए गए। इन सभी को जल्द सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाएगा।
ढाई लाख अनुदान लेने के बाद यह हाल
राज्य महिला आयोग की सदस्य मीनाक्षी भराला ने बताया कि बुजुर्गों को रखने के लिए आश्रम प्रबंधन की ओर से प्रति व्यक्ति से ढाई लाख रुपये अनुदान लिया जाता है। 20 हजार रुपये सुरक्षा राशि के रूप में लिए जाते हैं, जबकि 10 से 12 हजार रुपये प्रतिमाह रहने और भोजन के लिए लिए जाते हैं। इस आश्रम में कई ऐसे लोगों के माता-पिता भी हैं, जो नोएडा के अमीर परिवारों में शामिल हैं।

बुजुर्गों की देखभाल के लिए कर्मचारियों का टोटा
बुजुर्गों की देखभाल के लिए कोई भी स्टाफ नहीं रखा गया था। वो खुद ही अपनी दैनिक प्रक्रिया कर रहे थे। कई बुजुर्गों के कपड़े तक मल-मूत्र से सने मिले। टीम को यहां एक महिला मिली, जिसने खुद को नर्स बताया। सख्ती से पूछताछ में उसने अपनी योग्यता 12वीं पास बताई। आश्रम में नियम कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही थीं।
आश्रम प्रबंधन ने सुरक्षा व्यवस्था का तर्क दिया
टीम के सामने आश्रम प्रबंधन ने अपने तर्क दिए। उन्होंने कहा कि आश्रम में कुछ बुजुर्गों के हाथ हल्के कपड़े से इसलिए बांधे जाते हैं, ताकि वह खुद को चोट न पहुंचा सकें। पूर्व में कई बार ऐसा हो चुका है, जिन्होंने खुद को चोट पहुंचा ली हो या शौच करके उसे अन्य लोगों के ऊपर फेंक दिया हो। ऐसा करके वह उन्हें सुरक्षित रखते हैं।