Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Noida gopal krishna Agrawal recites emergency story 1975 when he was jailed at 13 with his parents

माता-पिता संग 13 की उम्र में जेल;नोएडा के गोपाल कृष्ण ने बताई इमरजेंसी की कहानी

पचास साल पहले की यह दास्तां सुनाते हुए गोपाल अग्रवाल ने बताया कि उनके पिता डॉ. सीताराम अग्रवाल दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर थे। अब नोएडा के सेक्टर-36 में रहे गोपाल अग्रवाल भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं और आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ भी हैं।

Utkarsh Gaharwar हिन्दुस्तान, विक्रम शर्मा |नोएडाWed, 25 June 2025 10:45 AM
share Share
Follow Us on
माता-पिता संग 13 की उम्र में जेल;नोएडा के गोपाल कृष्ण ने बताई इमरजेंसी की कहानी

आपातकाल के दौरान आठवीं कक्षा में पढ़ रहे 13 वर्षीय गोपाल कृष्ण अग्रवाल को सत्याग्रह करने पर 86 दिन बाल जेल में डाल दिया गया था। गोपाल अग्रवाल के बाद उनकी माता तारा अग्रवाल ने भी आपातकाल का विरोध किया तो उनको भी जेल में डाल दिया गया। वे करीब दो महीने जेल में रहीं थीं। इसके बाद घर से पिता को भी पुलिस पकड़कर ले गई।

पचास साल पहले की यह दास्तां सुनाते हुए गोपाल अग्रवाल ने बताया कि उनके पिता डॉ. सीताराम अग्रवाल दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर थे। इस कॉलेज के परिसर में बने मकानों में उस समय पूरा परिवार रहता था। अब नोएडा के सेक्टर-36 में रहे गोपाल अग्रवाल भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं और आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ भी हैं। गोपाल बताते हैं कि आपातकाल का विरोध करते हुए उन्होंने व उनकी माता ने सत्याग्रह किया था। 19 नवंबर 1975 को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जन्मदिन था। उस समय वह 13 साल के थे और कस्तूरबा गांधी मार्ग स्थित भारतीय विद्या भवन में आठवीं कक्षा में पढ़ रहे थे।

उनके जन्मदिन के मौके पर इंडिया गेट के पास स्थित नेशनल स्टेडियम में कार्यक्रम हो रहा था। इस कार्यक्रम में वह भी शामिल होने गए। उन्होंने वहीं पर इंदिरा गांधी के तानाशाही रवैये का विरोध किया। उस दिन उनको गिरफ्तार कर दिल्ली के अंबेडकर भवन के पास बाल जेल में कैद कर दिया गया।

इसके बाद 25 दिसंबर 1975 को उनकी माता तारा अग्रवाल को सदर मार्केट में सत्याग्रह करने पर पुलिस ने गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल में डाल दिया गया। इसके कुछ दिन बाद पुलिस उनके पिता को घर से उठाकर ले गई और नागपुर जेल में रखा। गोपाल 86 दिन, माता दो महीने और पिता छह महीने तक जेल में रहे। जेल में यातनाएं दी गईं। उन्होंने बताया कि विरोध करने पर उनको स्कूल और उनके पिता को नौकरी से निकाल दिया गया था।

गोपाल अग्रवाल का कहना है कि इंदिरा गांधी ने व्यक्तिगत स्वार्थ के चलते तानाशाही रवैया अपनाया था। प्रेस की आजादी खत्म कर दी थी। प्रजातंत्र को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा था, इसलिए सत्याग्रह करने पर मजबूर होना पड़ा।

अगला लेखऐप पर पढ़ें