नोएडा:6 हजार खरीदारों को फ्लैट और प्लॉट मिलने में होगी देरी,जानिए कहां अटका मामला
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) का सेक्टर-17ए स्थित सुपरटेक लिमिटेड (अपकंट्री) पर 472.44 करोड़ बकाया है। बिल्डर को 16 जून 2010 में 100 एकड़ का भूखंड आवंटित हुआ था। बीते दिनों बिल्डर ने पांच प्रतिशत चुकाने पर अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों का लाभ मांगा था,जिसे बोर्ड ने ठुकरा दिया।

यमुना प्राधिकरण क्षेत्र की एसडीएस इंफ्राकोन और सुपरटेक की अपकंट्री परियोजना में करीब छह हजार से अधिक खरीदारों को फ्लैट और भूखंड मिलने में देरी होगी। प्राधिकरण ने बकाया न चुकाने पर दो ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं के बिल्डर के राहत पाने के प्रस्ताव खारिज कर दिए है। बिल्डर परियोजनाओं पर 1000 करोड़ से अधिक बकाया है।
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) का सेक्टर-17ए स्थित सुपरटेक लिमिटेड (अपकंट्री) पर 472.44 करोड़ बकाया है। बिल्डर को 16 जून 2010 में 100 एकड़ का भूखंड आवंटित हुआ था। बीते दिनों बिल्डर ने पांच प्रतिशत चुकाने पर अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों का लाभ मांगा था,जिसे बोर्ड ने ठुकरा दिया। बिल्डर को पूरा 25% बकाया चुकाने पर ही रियायत मिलेगी। परियोजना में 5000 खरीदारों के फ्लैट, विला और भूखंड फंसे हैं। इस परियोजना में फिलहाल करीब 300 लोग फ्लैट और भूखंड पर घर बनाकर रह रहे हैं,जबकि करीब साढ़े चार हजार से अधिक खरीदार 15 वर्षों से अपने फ्लैट और प्लॉट पाने का सपना देख रहे हैं। इनमें कुछ खरीदारों ने 100 प्रतिशत तो काफी लोगों ने 80 से 90 प्रतिशत तक भुगतान कर दिया है। हालात यह है कि प्राधिकरण और जिला प्रशासन न तो अभी तक इन खरीदारों की रकम ही वापस करा पाया है और ना ही इन्हें फ्लैट और प्लॉट मिले।
सेक्टर-26ए में 125 एकड़ की टाउनशिप परियोजना को लेकर एसडीएस इंफ्राकोन पर यमुना प्राधिकरण का करीब 643.06 करोड़ रुपये का बकाया है। बिल्डर को 14 जून 2010 में भूखंड आवंटन हुआ था। फिलहाल परियोजना ने कोर्ट से स्टे लिया हुआ है। इसके अलावा भी परियोजना से जुड़े कई अन्य मामले कोर्ट में लंबित हैं। बिल्डर ने बीते दिनों जीरो पीरियड और अमिताभ कांत समिति का लाभ मांगा था, लेकिन प्राधिकरण ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया। प्राधिकरण का स्पष्ट कहना है कि जब तक सभी कोर्ट केस वापस नहीं लिए जाते, तब तक बिल्डर को कोई राहत नहीं दी जाएगी। इस परियोजना में कुल 1400 प्लॉट बिके हैं, जिनमें से 500 की रजिस्ट्री हो चुकी है, जबकि 800 खरीदारों को अब तक न तो प्लॉट मिले हैं और न ही उनकी रकम। वह दस वर्षों से भटक रहे हैं। इस टाउनशिप में कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स और फ्लैट समेत सभी सुविधाएं विकसित होनी थीं। वर्तमान में ये काम अधूरे हैं।
एनआरआई टाउनशिप
● क्षेत्रफल 125 एकड़
● बकाया 643.06 करोड़
● खरीदार 1400
अपकंट्री
● क्षेत्रफल 100 एकड़
● बकाया 472.44 करोड़
● खरीदार 5000 फ्लैट, विला और भूखंड
●आशीष धामा