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विदेशी भाषा का विरोध नहीं, काम अपनी मातृभाषा में करें: शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि किसी विदेशी भाषा का विरोध नहीं होना चाहिए, बल्कि अपनी भाषा को गौरवान्वित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाषा सिर्फ संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि राष्ट्र की आत्मा है।...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 26 June 2025 06:00 PM
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विदेशी भाषा का विरोध नहीं, काम अपनी मातृभाषा में करें: शाह

- केंद्रीय गृह मंत्री ने राजभाषा विभाग के स्वर्ण जयंती समारोह को किया संबोधित नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि किसी विदेशी भाषा का विरोध नहीं होना चाहिए, हालांकि आग्रह अपनी भाषा को गौरवान्वित, महिमामंडित करने का होना चाहिए। आग्रह अपनी भाषा को बोलने का होना चाहिए, आग्रह अपनी भाषा में सोचने का होना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पांच प्रण का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, हमें गुलामी की मानसिकता से मुक्त होना चाहिए और जब तक व्यक्ति अपनी भाषा पर गर्व नहीं करेगा, उसमें अपनी बात नहीं कहेगा, तब तक हम गुलामी की मानसिकता से मुक्त नहीं हो सकते।

शाह दिल्ली में राजभाषा विभाग के स्वर्ण जयंती समारोह में बोल रहे थे। भाषा राष्ट्र की आत्मा है केंद्रीय गृह मंत्री कहा, जहां तक देश का सवाल है, भाषा सिर्फ संवाद का माध्यम नहीं है, यह राष्ट्र की आत्मा है। भाषाओं को जीवित रखना और उन्हें समृद्ध बनाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, हमें आने वाले दिनों में सभी भारतीय भाषाओं और खासकर राजभाषा के लिए ये सारे प्रयास करने चाहिए। गृह मंत्री शाह ने कहा, मैं पूरे दिल से मानता हूं कि हिंदी किसी भी भारतीय भाषा की दुश्मन नहीं हो सकती है। हिंदी सभी भारतीय भाषाओं की सखी, मित्र है, और हिंदी और भारतीय भाषाएं मिलकर हमारे स्वाभिमान कार्यक्रम को उसके अंतिम लक्ष्य तक पहुंचा सकती हैं। उन्होंने कहा कि राज्यों का प्रशासन भारत सरकार का प्रशासन भारतीय भाषाओं के आधार पर ही हो। उन्होंने यह भी बताया कि भाषाओं के तत्काल अनुवाद वाले कई सॉफ्टवेयर बनाए जा रहे हैं। भाषा जोड़ने का माध्यम शाह ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में भाषा का इस्तेमाल भारत को बांटने के साधन के रूप में किया गया। वे इसे तोड़ नहीं पाए, लेकिन प्रयास खूब किए गए। हम सुनिश्चित करेंगे कि हमारी भाषाएं भारत को एकजुट करने का सशक्त माध्यम बनें। इसके लिए राजभाषा विभाग काम करेगा। शाह ने कहा, मेरा मानना है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में जो नींव रखी जा रही है, उससे 2047 में एक महान भारत का निर्माण होगा और महान भारत के निर्माण की राह पर हम अपनी भारतीय भाषाओं का विकास करेंगे। सरकारी कामकाज में भारतीय भाषाओं का हो उपयोग अमित शाह ने कहा कि सरकारी कामकाज में भारतीय भाषाओं का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल होना चाहिए, न सिर्फ केंद्र सरकार में बल्कि राज्य सरकार में भी। इसके लिए हम राज्यों से भी संपर्क करेंगे, उन्हें समझाने और राजी करने की कोशिश करेंगे। भारतीय भाषाओं का भविष्य उज्ज्वल गृहमंत्री शाह ने कहा, जेईई, नीट, सीयूईटी, परीक्षाएं अब 13 भाषाओं में ली जा रही हैं। पहले केंद्रीय सशस्त्र बलों की कांस्टेबल भर्ती के लिए केवल अंग्रेजी या हिंदी में आवेदन कर सकते थे, लेकिन हमने इसे लचीला बनाया। अब 13 भाषाओं में आवेदन दे सकते हैं। शाह ने कहा, आज मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि 95 फीसदी उम्मीदवार अपनी मातृभाषा में कांस्टेबल परीक्षा दे रहे हैं। यह बताता है कि आने वाले दिनों में भारतीय भाषाओं का भविष्य कितना उज्ज्वल है। उन्होंने कहा कि मेरा राज्य सरकारों से आग्रह होगा कि वे अपने यहां मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई अपनी मातृभाषा में कराएं।

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