राजस्थान : बाघ के हमले में मंदिर के चौकीदार की मौत
राजस्थान के रणथम्भौर रिजर्व में एक बाघ ने 60 वर्षीय चौकीदार राधेश्याम पर हमला कर दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना पिछले दो महीनों में चौकीदार की तीसरी मौत है। स्थानीय लोगों ने वन विभाग...

रणथंभौर रिजर्व स्थित जैन मंदिर में चौकीदार था 60 वर्षीय राधेश्याम दो महीने के भीतर यह तीसरी मौत, ग्रामीणों ने किया विरोध प्रदर्शन जयपुर, एजेंसी। राजस्थान में सवाईमाधोपुर जिला स्थित रणथम्भौर फोर्ट में सोमवार को बाघ ने चौकीदार पर हमला कर दिया। हमले में 60 वर्षीय राधेश्याम की मौके पर मौत हो गई। पुलिस के अनुसार, शेरपुर निवासी राधेश्याम पिछले 20 वर्ष से रणथम्भौर फोर्ट स्थित जैन मंदिर में चौकीदार के रूप में सेवायें दे रहा था। वह सुबह के समय शौच के लिए गया, तभी बाघ ने उस पर हमला कर दिया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
दो महीने से भी कम समय में यह तीसरी मौत है। टाइगर रिजर्व के एक अधिकारी ने बताया कि घटना सुबह करीब 4.30 बजे हुई। पास में सो रहे दो गार्डों ने उसकी चीखें सुनीं, लेकिन वे कुछ नहीं कर पाए। राधेश्याम की गर्दन और जांघों पर गहरे घाव थे। वह किला परिसर में ही रहता था। टाइगर रिजर्व प्रशासन ने बाघ की पहचान के लिए इलाके में कैमरा ट्रैप लगाए हैं। हमले में शामिल बाघ की पहचान के लिए शव और आसपास से बालों के नमूने एकत्र कर डीएनए जांच के लिए भेजे गए हैं। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने सवाई माधोपुर-कुंडेरा मार्ग को जाम कर वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने चौकीदार के परिजनों को मुआवजा देने की मांग उठाई। उन्होंने आरोप लगाया कि वन अधिकारी ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने में विफल रहे हैं, जिसके कारण लोगों में भय बढ़ रहा है। 11 मई को बाघ के हमले में वन रेंजर देवेंद्र चौधरी की मौत हो गई थी। जबकि 16 अप्रैल को त्रिनेत्र गणेश मंदिर के पास सात वर्षीय बालक की मौत हो गई थी। इन दोनों हमलों में शामिल होने के संदेह में एक बाघ को 14 मई को बेहोश कर अलग बाड़े में रखा गया था। रविवार को ही वन विभाग ने बाघ की मौजूदगी के चलते रणथम्भौर दुर्ग में आम नागरिकों के प्रवेश पर रोक लगायी थी।
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