रियासतों की संपत्तियों से जुड़े सवाल की जांच करेगा शीर्ष कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद-363 के तहत पूर्व रियासतों की संपत्तियों से संबंधित विवादों की सुनवाई पर विचार करने का निर्णय लिया है। जयपुर के शाही परिवार के सदस्यों ने राजस्थान हाईकोर्ट के...

सुप्रीम कोर्ट ने एक सवाल की जांच करने पर सहमति जताई है कि क्या संविधान का अनुच्छेद-363 पूर्व की रियासतों की संपत्तियों से जुड़े विवादों की सुनवाई करने से अदालतों को रोकता है। जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने मामले की सुनवाई की। पीठ ने जयपुर के शाही परिवार के सदस्यों राजमाता पद्मिनी देवी, उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और सवाई पद्मनाभ सिंह द्वारा टाउन हॉल (पुरानी विधानसभा) और चारदीवारी शहर में स्थित अन्य संपत्तियों के कब्जे को लेकर दायर याचिका पर नोटिस जारी किया। याचिकाकर्ताओं ने राजस्थान हाईकोर्ट के उस निर्णय को चुनौती दी है, जिसमें कहा गया था कि तत्कालीन रियासत और भारत संघ के बीच हुए समझौते में उल्लिखित टाउन हॉल पर कब्जे की मांग करने वाले मुकदमों पर संविधान के अनुच्छेद-363 के तहत सिविल अदालतों द्वारा विचार नहीं किया जा सकता।
राजपरिवार के सदस्यों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने तर्क दिया कि विचाराधीन समझौता पांच राजकुमारों द्वारा किया गया था, जबकि भारत सरकार केवल यह सुनिश्चित करने के लिए एक गारंटर थी कि शर्तें पूरी हों।
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