रिहाई में देरी पर आरोपी को मिला पांच लाख का मुआवजा
जबरन धर्मांतरण के मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी रिहाई में देरी के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने आरोपी आफताब को 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अनुपालन रिपोर्ट...

जबरन धर्मांतरण मामले में सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत के बाद भी रिहाई में देरी के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने आरोपी आफताब को 5 लाख रुपये मुआवजे का भुगतान कर दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में अनुपालन रिपोर्ट पेश करते हुए कहा। शीर्ष अदालत ने बुधवार को जमानत के आदेश में खामी बताकर आरोपी को जेल से रिहा किए जाने से इनकार करने की न्यायिक जांच का आदेश दिया था। साथ ही, रिहाई में देरी के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से आरोपी आफताब को 5 लाख रुपये अंतरिम मुआवजा देने का आदेश दिया था। इस आदेश का पालन करते हुए, प्रदेश सरकार ने कहा कि आरोपी के खाते में मुआवजे की रकम स्थानांतरित कर दी गई है।
जस्टिस के.वी. विश्वनाथन और एन. कोटिस्वर सिंह की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने आदेश का पालन किए जाने की जानकारी दी। आरोपी की ओर से पेश अधिवक्ता ने भी मुआवजे की रकम मिलने की पुष्टि की। यह था मामला उत्तर प्रदेश में जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए बनाए गए कानून के उल्लंघन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को 29 अप्रैल को जमानत दी थी। इसके बाद गाजियाबाद की जिला अदालत ने 27 मई को जेल अधीक्षक को एक रिहाई आदेश जारी करते हुए, मुचलका जमा करने पर जेल से रिहा करने का आदेश दिया था। लेकिन जेल प्रशासन ने आरोपी को रिहा करने से इनकार कर दिया।
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