सिंगापुर, कतर और कांगो आतंकवाद पर भारत के साथ
सिंगापुर, कतर और कांगो ने सभी प्रकार के आतंकवादी कृत्यों की कड़ी निंदा की है और भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग का वादा किया। प्रतिनिधिमंडल ने सिंगापुर और कतर में उच्चस्तरीय बैठकें कीं और...

सिंगापुर/दोहा/किन्शासा, एजेंसियां। सिंगापुर, कतर एवं कांगो ने सभी प्रकार के आतंकी कृत्यों की कड़ी निंदा दी है। साथ ही भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों से बातचीत में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ का वादा किया। सिंगापुर की विदेश एवं गृह राज्य मंत्री सिम एन. ने मंगलवार को भारत के एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल से कहा कि उनका देश सभी प्रकार के आतंकी कृत्यों की कड़ी निंदा करता है और इस खतरे के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है। जद(यू) के राज्यसभा सदस्य संजय कुमार झा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल दक्षिण कोरिया से यहां पहुंचा और सिंगापुर की विदेश एवं गृह राज्य मंत्री से मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें पहलगाम आतंकी हमले के बाद की घटनाओं, ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद के खिलाफ भारत की रणनीति से अवगत कराया। सिंगापुर स्थित भारतीय उच्चायोग के एक बयान के अनुसार, सिम ने कहा कि सिंगापुर सभी प्रकार के आतंकी कृत्यों की कड़ी निंदा करता है और आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि सिंगापुर और भारत करीबी साझेदार हैं तथा वे द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने के प्रयास जारी रखेंगे। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि अगर भारत पर कोई आतंकवादी हमला होता है तो देश उसका माकूल जवाब देगा। इसने कहा, भारत किसी भी परमाणु ब्लैकमेलिंग को बर्दाश्त नहीं करेगा। परमाणु ब्लैकमेल की आड़ में पनप रहे आतंकी ठिकानों पर भारत सटीक और निर्णायक हमला करेगा। भारत आतंकवाद को प्रायोजित करने वाली सरकार और आतंकी आकाओं के बीच कोई अंतर नहीं करेगा। भारतीय मिशन ने बयान में कहा कि प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सिंगापुर से समर्थन करने का अनुरोध किया, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र और वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) जैसे बहुपक्षीय मंचों पर। एफएटीएफ, वैश्विक धन शोधन और आतंकवाद को वित्तपोषण पर नजर रखने वाली संस्था है। प्रतिनिधिमंडल ने कानून मंत्री एडविन टोंग से भी मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने सिंगापुर सरकार, शिक्षाविदों, मीडिया और व्यापार जगत के वरिष्ठ प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की। दोहा स्थित भारतीय दूतावास ने मंगलवार को कहा कि कतर ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के दौरान आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने पर जोर दिया। कतर ने रेखांकित किया कि आतंकवादियों तथा उनके समर्थकों के बीच कोई अंतर नहीं किया जाना चाहिए। सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल की कतर यात्रा सोमवार को संपन्न हुई। प्रतिनिधिमंडल ने पिछले दो दिनों में विदेश राज्य मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलअजीज बिन सालेह अल खुलैफी, गृह राज्य मंत्री शेख अब्दुलअजीज बिन फैसल बिन मोहम्मद अल थानी, शूरा काउंसिल के उपाध्यक्ष हमदा बिन्त हसन अल सुलैती और कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों से मुलाकात की। बयान में कहा गया, भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने सीमा पार आतंकवाद के प्रति भारत की कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति से अवगत कराया। कतर ने 23 अप्रैल को एक बयान में पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की थी। कांगो ने आश्वासन दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ भारत के संदेश को उन सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाएगा, जिसका यह मध्य अफ्रीकी देश सदस्य है। यह आश्वासन शिवसेना सांसद श्रीकांत एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के दौरान दिया गया। किन्शासा स्थित भारतीय दूतावास ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने 25-27 मई तक कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य की यात्रा के दौरान वहां के राजनीतिक नेतृत्व के साथ उच्चस्तरीय बैठकें कीं। प्रतिनिधिमंडल ने उप प्रधानमंत्री जीन-पियरे बेम्बा गोम्बो, विदेश मंत्री थेरेसे के. वैगनर, नेशनल असेंबली के अध्यक्ष विटल कामेरहे और सीनेट के अध्यक्ष जीन-मिशेल सामा लुकोंडे क्येंगे से मुलाकात की। विज्ञप्ति में कहा गया कि कांगों के नेताओं ने आतंकवादी कृत्यों की निंदा की। इस बात पर जोर दिया कि इसे किसी भी परिस्थिति में उचित नहीं ठहराया जा सकता। कांगो के नेताओं ने आतंकवाद के वैश्विक खतरे से निपटने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की और भारत के साथ मिलकर काम करने का संकल्प जताया।
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