हिंदी नजरअंदाज नहीं कर सकते, मगर अनिवार्य न करें : पवार
-शिव सेना व एमएनएस ने दोहराया नहीं लागू होने देंगे त्रिभाषा नीति - एमएनएस का

पुणे, एजेंसी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी-एसपी) प्रमुख शरद पवार ने गुरुवार को कहा कि महाराष्ट्र में कक्षा 1 से हिंदी को अनिवार्य नहीं किया जाना चाहिए। नई भाषा को शामिल करना है तो उसे कक्षा 5 के बाद ही लागू किया जाए। पवार ने कहा कि देश का एक बड़ा वर्ग हिंदी बोलता है, ऐसे में इसकी पूरी तरह अनदेखी करने का कोई कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि नई भाषा को यदि अनिवार्य करना है तो इसे प्राथमिक स्तर पर शुरू न किया जाए। उन्होंने कहा कि कक्षा 5 के बाद हिंदी को अनिवार्य करने पर कोई एतराज नहीं है।
भाजपा भाषा के नाम पर बांटने का काम कर रही है शिव सेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को आरोप लगाया कि भाजपा भाषा के नाम पर बांटने का काम कर रही है। ठाकरे ने कहा सत्तारूढ़ केंद्र सरकार महाराष्ट्र में भाषा का आपातकाल लगा रही है। उन्होंने कहा कि वह हिंदी के विरोधी नहीं हैं, लेकिन वह निश्चित तौर पर मराठी राज्य में हिंदी थोपे जाने के विरोध में हैं। तीन भाषा नीति का विरोध करेगी एमएनएस महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने भी राज्य में हिंदी की तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य किए जाने का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी 6 जुलाई को त्रिभाषा नीति के विरोध में गिरगांव चौपाटी से प्रदर्शन की शरुआत करेगी। उन्होंने दावा किया कि यह एक गैर राजनीतिक प्रदर्शन होगा। प्रदर्शन में शिव सेना (यूबीटी) मौजूदगी की संभावनाओं पर राज ने कहा कि वह सभी राजनीतिक दलों से इस बारे में संपर्क करेंगे।
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