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आतंकवाद और शांति-समृद्धि साथ-साथ नहीं चल सकते: राजनाथ

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किंगदाओ में एससीओ सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान पर आतंकवाद को प्रायोजित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के दोषियों को जिम्मेदार ठहराना चाहिए और इस खतरे से निपटने...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 26 June 2025 05:40 PM
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आतंकवाद और शांति-समृद्धि साथ-साथ नहीं चल सकते: राजनाथ

किंगदाओ, एजेंसी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि आतंकवाद के दोषियों, वित्तपोषकों एवं प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। इससे निपटने में दोहरा मापदंड नहीं अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शांति-समृद्धि और आतंकवाद साथ नहीं चल सकते। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के एक सम्मेलन में अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने कहा कि कुछ देश आतंकवादियों को पनाह देने के लिए सीमा पार आतंकवाद का इस्तेमाल नीतिगत साधन के रूप में कर रहे हैं। वह एससीओ के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए बुधवार को चीन के बंदरगाह शहर किंगदाओ पहुंचे थे।

उन्होंने कहा कि हमारे क्षेत्र में बड़ी चुनौतियां शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी से संबंधित हैं। इन समस्याओं का मूल कारण बढ़ती कट्टरता, उग्रवाद और आतंकवाद है। उन्होंने कहा कि सरकार से इतर तत्वों और आतंकवादी समूहों के हाथों में सामूहिक विनाश के हथियार सौंपने के साथ भी शांति कायम नहीं रह सकती। निर्णायक कार्रवाई की जरूरत रक्षा मंत्री ने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता है और हमें अपनी सामूहिक सुरक्षा के लिए इन बुराइयों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि अपने संकीर्ण एवं स्वार्थी उद्देश्यों के लिए आतंकवाद को प्रायोजित, पोषित एवं इस्तेमाल करने वालों को इसके परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से निपटने में दोहरे मानदंडों के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए। रक्षामंत्री ने कहा कि एससीओ को इस खतरे से निपटने में दोहरे मानदंड अपनाने वाले देशों की आलोचना करने में संकोच नहीं करना चाहिए। पहलगाम आतंकी हमले का तरीका भारत में लश्कर-ए-तैयबा के पिछले आतंकी हमलों जैसा था। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपना रहा है। रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि भारत अफगानिस्तान में शांति, सुरक्षा और स्थिरता के समर्थन में अपनी नीति पर अडिग रहा है। -- रूस के रक्षा मंत्री के साथ रणनीतिक संबंधों पर की वार्ता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को अपने रूसी समकक्ष आंद्रे बेलौसोव के साथ बातचीत की, जिसमें क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य और द्विपक्षीय रक्षा तथा रणनीतिक संबंधों पर ध्यान केंद्रित किया गया। यह बैठक एससीओ के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन से इतर हुई। राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया पोस्ट में इस बातचीत को ज्ञानवर्धक बताया। उन्होंने कहा, किंगदाओ में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक से इतर रूस के रक्षा मंत्री आंद्रे बेलौसोव से मिलकर खुशी हुई। हमने भारत-रूस रक्षा संबंधों को बढ़ावा देने पर ज्ञानवर्धक विचार-विमर्श किया। ऐसा समझा जा रहा है कि सिंह ने पाकिस्तान से उत्पन्न सीमा पार आतंकवाद से भारत को चुनौती पर बात की। माना जा रहा है कि दोनों मंत्रियों ने एक जुलाई को रूस के तटीय शहर कलिनिनग्राद में भारतीय नौसेना की रूस निर्मित गाइडेड मिसाइल पनडुब्बी आईएनएस तमाल के आगामी जलावतरण पर भी चर्चा की। इसके अलावा, राजनाथ ने गुरुवार को बेलारूस के अपने समकक्ष विक्टर ख्रेनिन के साथ भी वार्ता की। इसमें द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई। भारत और चीन के अलावा एससीओ में पाकिस्तान, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं।

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